Braj Holi 2025: बृजभूमि में बसंत पंचमी का विशेष महत्व है, क्योंकि इसी दिन से होली महोत्सव की शुरुआत होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बसंत पंचमी से बृज में 40 दिनों तक होली का उत्सव चलता है.
इस अवसर पर वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर में विशेष आयोजन होते हैं, जहां गुलाल उड़ाने की परंपरा शुरू होती है. 3 फरवरी को बांके बिहारी मंदिर में गुलाल और अबीर के साथ होली खेली गई.
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बसंत पंचमी के साथ ही होलिका दहन की तैयारी भी शुरू हो जाती है. इस दिन बृज में होली का डांढ़ा गाड़ने की परंपरा होती है, जो होली के आगमन का संकेत है. अगले 40 दिनों तक मथुरा, वृंदावन और बरसाना में राधा-कृष्ण की भक्ति और रंगों की छटा बिखरती है. इस समय बृज की गलियों में राधा-कृष्ण के भक्त रंगों में डूबते हैं और होली के उत्सव में भाग लेते हैं.
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Braj Holi 2025. यह अनोखा महोत्सव रंगनाथ मंदिर की होली के साथ संपन्न होता है, जिसमें देश-विदेश से श्रद्धालु शामिल होते हैं. बृज की यह होली परंपरा और भक्ति का संगम है, जो इसे विशेष बनाती है.
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