Lula da Silva On PM Modi: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ की धमकी देकर 100 से ज्यादा देशों को अपने सामने झुकने को मजबूर कर दिया। हालांकि भारत, ब्राजिल, दक्षिण अफ्रीका और चीन से ट्रंप की धमकियों से नजरअंदाज कर झुकने से साफ इनकार कर दिया है। ट्रंप भारत की तरह ब्राजिल को भी लगातार भारीभरकम टैरिफ लगाने दी धमकी दे रहे हैं। अब ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज़ इनासियो लूला दा सिल्वा ने डोनाल्ड ट्रंप से बात करने से साफ इनकार कर दिया है। ब्राजीलियन राष्ट्रपति लूला ने कहा कि मैं ट्रंप को क्यों कॉल करूं? ट्रंप को नहीं, मैं पीएम मोदी को कॉल लगाऊंगा।

अमेरिका के भारीभरकम टैरिफ (50%) टैरिफ से तनावपूर्ण माहौल में लूला ने स्पष्ट किया कि वे अब BRICS के अन्य नेताओं से बात करेंगे, जिसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य शामिल हैं। उन्होंने कहा कि “मैं शी जिनपिंग को फोन करूंगा, मैं प्रधानमंत्री मोदी को फोन करूंगा। मैं पुतिन को फोन नहीं करूंगा, क्योंकि वह यात्रा नहीं कर सकते। यह स्पष्ट संकेत है कि ब्राजील अब अमेरिका की बजाय BRICS देशों के साथ कूटनीतिक और व्यापारिक संवाद को प्राथमिकता देगा।

अमेरिका की तरफ से लगाए गए टैरिफ और ब्राजील की प्रतिक्रिया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से दी गई चेतावनी के अनुसार, जो भी देश BRICS के उन नीतियों का समर्थन करेगा जो अमेरिका के हितों के खिलाफ होंगी, उन्हें 10% अतिरिक्त शुल्क देना होगा। ब्राजील पर अचानक लगाए गए 40% शुल्क ने ब्राजील के निर्यात पर भारी असर डाला है। लूला ने इस फैसले के खिलाफ आवाज़ उठाई और कहा कि ब्राजील अपने व्यापारिक हितों की रक्षा के लिए विश्व व्यापार संगठन (WTO) सहित सभी उपलब्ध साधनों का उपयोग करेगा। ब्राजील के वित्त मंत्री फर्नांडो हद्दाद ने भी इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि लूला इस मुद्दे पर कड़ा कदम उठाने के लिए तैयार हैं।

BRICS बनाम अमेरिका
यह घटनाक्रम वैश्विक राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ की ओर इशारा करता है। एक तरफ अमेरिका है, जो ट्रेड प्रोटेक्शनिज्म और अपनी प्राथमिकताओं के अनुरूप वैश्विक संबंधों को गढ़ना चाहता है। दूसरी तरफ BRICS जैसे संगठन हैं, जो बहुपक्षीयता और नए आर्थिक ध्रुव बनाने के लिए सक्रिय हैं. लूला का ट्रंप को नजरअंदाज कर BRICS नेताओं से संपर्क करना, इस बात का स्पष्ट संकेत है कि ब्राजील अब वैश्विक राजनीति में स्वतंत्र रुख अपनाने की ओर अग्रसर है।

न्यायपालिका विवाद और मानवाधिकार मुद्दा
ट्रंप प्रशासन और अमेरिकी विदेश विभाग ने ब्राजील की न्यायपालिका के एक फैसले पर भी असहमति जताई है। दरअसल, ब्राजील की सर्वोच्च अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो को तख्तापलट की साजिश के आरोप में नजरबंद किया है। अमेरिका ने इसे “मानवाधिकार उल्लंघन” करार दिया है।

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