पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। मोटापे की बीमारी ने ऐसा घेरा की कैंटीन चलाकर परिवार चलाने में मदद करने वाला ख़िरसिंधू 3 साल से घर के चौखट से बाहर नहीं निकल पाया है. बड़ा भाई माधव भी 2 साल से इसी बीमारी से ग्रसित है. हालत इतने बदल गए कि अब मां और भाभी के कंधों पर घर चलाने की जिम्मेदारी आ गई है.

देवभोग के यादव पारा में रहने वाला 27 वर्षीय ख़िरसिंधू व 32 वर्षीय माधव सगे भाइयों को एक जैसी बीमारी ने घेर रखा है. मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले इस परिवार के मुखिया कमल लोचन 10 साल पहले चल बसे थे, जिसके बाद परिवार चलाने की जिम्मेदारी दोनों भाई पर आ गई. 3 साल पहले तक फारेस्ट नाका के आगे कैंटीन चला कर दोनों भाई परिवार चला ले रहे थे. तब इनकी वजह 70 से 80 किलो हुआ करती थी, लेकिन देखते ही देखते वजन बढ़ते गया.

आलम यह है कि ख़िरसिंधू के कमर के नीचे हिस्से ने काम करना बंद कर दिया, जिससे वह घर पर ही पड़ा रहता है. छोटे भाई के बीमार पड़ने के साल भर बाद माधव का भी वही हाल हो गया. घर के दोनों कमाऊ बेटे अब घर पर ही पड़े रहते हैं. यहां तक दैनिय नित्यकर्म में भी वे लाचर हैं.

इसे भी पढ़ें – दुल्हन के प्रेमी ने दूल्हे पर चलाई गोली, युवती के चचेरे भाई की हुई मौत, पसरा मातम

माधव की पत्नी मंजू व मां मालती बाई दूसरे के घरों में बर्तन साफ कर परिवार चला रहे हैं. गरीबी की वजह से दोनों भाइयों का उपचार भी नहीं हो पाया. दो साल पहले मेकाहारा में भर्ती भी कराया गया था, लेकिन पैसे की कमी के कारण अब दोनों बीमार हालत में घर पर ही बैठ कर किसी मसीहा का बाट जोह रहे हैं. मामले में बीएमओ अंजू सोनवानी ने दोनों का परीक्षण कर हायर सेंटर के लिए रेफर करने की बात कही है.

Read more – Draft Guidelines Prepared Against Fake Vaccination Drive: BMC tells Bombay HC