रायपुर। पुलिस आंदोलन को लेकर बर्खास्तगी की मार झेल रहे अधिकारियों और जवानों को अंतरिम राहत मिल गई है. हाईकोर्ट ने बर्खास्तगी की नोटिस पर तत्काल रोक लगाते हुए स्थगन आदेश दे दिया है. हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद कार्रवाई के तनाव से जूझ रहे कर्मचारियों और अधिकारियों को एक बड़ी राहत मिल गई है. वहीं हाईकोर्ट ने उन सभी जिलों के एसपी को नोटिस देकर उपस्थित होने का आदेश दिया है।

आपको बता दें कि पुलिस विभाग में कार्यरत पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की मूलभूत सुविधाओं आवास, वेतन अवकाश सहित कई मांगों को लेकर परिवार के सदस्यों द्वारा 25 जून को राजधानी रायपुर में शांतिपूर्वक, धरना प्रदर्शन की घोषणा की गई थी. परिवार के सदस्यों की इस घोषणा से शासन प्रशासन में हड़कंप मच गया था. परिवार के सदस्यों की घोषणा और आंदोलन को कुचलने के लिए पुलिस मुख्यालय के आदेश पर जिलों के पुलिस अधीक्षक द्वारा अपने-अपने जिलों में कार्रवाई की गई थी. जिसके तहत कर्मचारियों और अधिकारियों को बर्खास्तगी का नोटिस जारी कर दिया था.

आरक्षक बालेश्वर तिवारी, सब इंस्पेक्टर दयालूराम साहू, एएसआई बलबीर सिंह, सब इंस्पेक्टर संदीप बंजारे, प्रधान आरक्षक त्रिलोकी बघेल, आरक्षक शोभा तिर्की सहित कई जवानों और अधिकारियों को नोटिस मिली थी. नोटिस के बाद पीड़ितों ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय के माध्यम से हाईकोर्ट में रिट याचिका दाखिल की थी.

याचिका में कहा गया है कि आईपीएस अधिकारियों द्वारा पूर्व में से ही सेवा से बर्खास्त किए जाने की धारणा बना ली गई थी. चूंकि प्रस्तावित धरना 25 जून 2018 को राजधानी रायपुर में आयोजित किया जाना था परन्तु धरना के पूर्व ही पूर्व संभावनाओं अर्थात भविष्य में होने वाली घटना को आधार मानकर कारण बताओ नोटिस जारी किया जाना नियम विरुद्ध है.

इसके साथ ही आईपीएस अधिकारियों द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस में यह उल्लेख है कि पुलिस कर्मचारी द्वारा छग सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3(28)(12) संबंधित कोई नियम ही वर्णित नहीं है. पुलिस कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1) के अंतर्गत सभा एवं सम्मेलन करने की स्वतंत्रता प्राप्त है जो कि उनका मौलिक अधिकार है. परन्तु आईपीएस अधिकारियों द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से पुलिस कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त करने संबंधी कारण बताओ नोटिस जारी की गई.

इस मामले में इस मामले में अधिवक्ता अभिषेक पांडे ने बताया हाईकोर्ट में इस मामले में अगले सप्ताह सुनवाई की जाएगी। हाईकोर्ट ने जवानों अधिकारियों को जारी की गई बर्खास्तगी की नोटिस को अवैध और गलत ठहराया है। स्थगन आदेश आदेश दिया है कि किसी कि भी बरखास्तगी नहीं की जाएगी। कोर्ट ने उन सभी SP को नोटिस जारी कर अगले सप्ताह हाई कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया है कि कोर्ट ने जवाब मांगा है कि उन्होंने किस आधार पर कार्रवाई की है।