अजय शर्मा, भोपाल। भारत सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में विशेष योगदान के लिए दिए जाने वाले सबसे सम्मानित पुरस्कार पद्मश्री अवार्ड की घोषणा कर दी है। अवार्ड पाने वालों में मध्यप्रदेश के 4 विभूति भी शामिल हैं। इनमें रामसहाय पांडे को कला के क्षेत्र में पद्मश्री, डॉक्टर नरेंद्र प्रसाद मिश्रा मेडिकल क्षेत्र में पद्मश्री, अर्जुन सिंह धुर्वे को कला के क्षेत्र में पद्मश्री और अवधेश किशोर जडिय़ा को शिक्षा के क्षेत्र में पद्मश्री की घोषणा की गई है।
इनके नामों की घोषणा के बाद पूरे प्रदेश सहित उनके शुभचिंतकों में हर्ष की लहर है। सभी को बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया है।
डॉ. एनपी मिश्रा को मरणोपरांत पद्मश्री
डॉ मिश्रा भूमिका चिकित्सा क्षेत्र में पितामह के रूप में मानी जाती थी। डॉ मिश्रा ने कई देशों में चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े शोध पत्र प्रस्तुत किए थे। भोपाल में 1984 में हुई भीषण गैस त्रासदी के दौरान मरीजों केइलाज में उनकी अहम भूमिका थीं। डॉ. मिश्रा का सितंबर 2021 में निधन हो गया था। 90 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली थी।
पिता जी खुश हो रहे होंगे
डॉ मिश्रा के बेटे सुनील मिश्रा ने कहा कि पिताजी आज बहुत खुश हो रहे होंगे। पद्मश्री उनके रहते मिलता तो और अच्छा होता। लेकिन आज मिला है तो बहुत खुशी हो रही है। पिताजी आज जहां भी होंगे बहुत खुश हो रहे होंगे।
दुर्गा बाई व्याम को भी मिलेगी पद्मश्री सम्मान। उन्होंने चित्रकारी के क्षेत्र में पद्मश्री दिया जा रहा है। लोककथाओं को भी चित्रित किया है। उनके चित्र गोंड प्रधान समुदाय के देवकुल से लिए गए हैं। दुर्गाबाई की कृति उनके जन्म स्थान बुरबासपुर, मध्यप्रदेश के मंडला जिले के गांव पर आधारित है। दुर्गाबाई जब छह वर्ष की थीं तभी से उन्होंने अपनी माता के बगल में बैठकर डिगना की कला सीखी जो शादी, विवाह और उत्सवों के मौकों पर घरों की दीवारों और फर्शों पर चित्रित किए जाने वाली परंपरागत डिजाइन है।
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