रायपुर। विधानसभा में 2386 करोड़ का अनुपूरक बजट पास हुआ. बजट पारित होने से पहले सत्ता और विपक्ष के सदस्यों के बीच जमकर बहस हुई. दोनों पक्ष की ओर से सदस्यों ने अपने जोरदार तर्क रखे. चर्चा के अंत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विपक्ष के तमाम आरोपों का जवाब देते हुए अपने तर्क रखते हुए कहा कि हम छत्तीसगढ़िया हैं, और छत्तीसगढ़िया होने पर हमें अभिमान है.
बहस के अंत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भारत सरकार 26 हज़ार करोड़ देना था. 6 हज़ार करोड़ नहीं मिला. इसमें से 4500 करोड़ क्षतिपूर्ति के रूप में मिलना था, लेकिन लगभग 2600 करोड़ मिला. 2020 में भारत सरकार के कहने के बाद भी ऋण अभी तक नहीं लिया है. 3109 के मुकाबले 507 करोड़ ही जीएसटी का प्राप्त हुआ है. हमने केंद्र से बेहतर काम किया है. 30% केंद्र का राजस्व घाटा और छत्तीसगढ़ का राजस्व घाटा 7% से भी कम है. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय असंतुलन को देखते हुए जो मांग करेंगे उसे तहसील बनाएंगे.
विपक्ष के आरोपों पर भूपेश बघेल ने कहा कि हमारे भंवरा चलाने पर, गेड़ी चढ़ने पर आपको आपत्ति है लेकिन हमारी संस्कृति है. रमन सिंह जी पूछ रहे हैं कि नरवा प्रोजेक्ट में नाला कहां बनेगा. हमारे नरवा प्रोजेक्ट को भारत सरकार ने ईनाम दिया सूरजपुर जिले को. स्वच्छता में पूरी छत्तीसगढ़ को भारत सरकार ने पुरस्कार दिया है. नरवा, गरवा, घुरवा, बारी आपको कैसे समझ आएगा डॉक्टर साहब. अगर आपको समझ में आता तो आप सवाल नहीं करते. आज हमने गोधन न्याय योजना का दसवां किस्त जारी किया. 32 लाख क्विंटल अब तक गोबर हम खरीद चुके हैं. 64 करोड़ का भुगतान कर चुके हैं. योजना की जानकारी लेनी है तो उस गरीब आदमी से जाकर पूछो जिसके पास न खेत है जानवर है लेकिन गोबर बेचकर अपनी आमदनी कर रहा है.
उन्होंने कहा कि वर्मी कंपोस्ट बना रहे हैं लोगों को आमदनी हो रही है गोधन न्याय योजना के माध्यम से. हमारी स्व-सहायता समूह की महिला बहनों ने 16 रुपए की दर से वर्मी कंपोस्ट खाद बेचने का एमओयू किया है. आपको हो सकता है कि गोबर के गंध से परेशानी हो हमारे घर में जब गर्मी के दिन में नाक फूट जाता है तो उसी गोबर को सूंघ लेते थे. गोबर हमारे लिए पवित्र है यह केवल भावनात्मक बात नहीं है तो देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने का बात है. 2 लाख लोग गोबर बेचने के लिए पंजीयन करा चुके हैं. आगे संख्या और बढ़ने वाली है.
भूपेश बघेल ने कहा कि 1 लाख 901 करोड़ हुआ बजट का कुल आकार है. जब हम 3 साल रहे 400 करोड़ खर्च करते थे तो धर्मजीत कहते थे. हमारी योजना अलग आपकी अलग है. हमने लोगों की सहायता के लिए कर्ज लिया है. आप एक्सप्रेस वे, स्काई वाक के लिए, नई राजधानी और मोबाइल के लिए लेते थे. आपकी प्राथमिकता अलग है, हमारी प्राथमिकता जो पुरखों ने तय किया लोगों के लिए लिया.
भूपेश बघेल ने रमन को कहा आपके आदर्श हिटलर हैं. आप लोग हिटलर से प्रेरित हैं. आईटी सेल ने शैलेश के लेटर हेड से दुष्प्रचार किया. उस की काट के लिए ये गंगा जल लेकर कहा कि किसानों का कर्ज माफ करेंगे. आपने एक भी जूट मिल क्यों नहीं शुरू किया. कोरोना में जूट मिल बंद किया. ममता ने कहा आपकी वजह से जूट मिल शुरू कर रहे हैं. हमने पैसे कितने पटाये ये महत्वपूर्ण नहीं है. छत्तीसगढ़ के लोगों के हितों की अनदेखी करते हुए अपने जैम पोर्टल से खरीदी की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मिलर्स से 80 हज़ार गठान मिल चुका है. कोरोना काल में विपरीत परिस्थिति में काम कर रहे हैं. हम किसी तरह से व्यवस्था कर रहे हैं. आप जूट की बोरी दिलवा दो, हम खरीद लेते हैं. कोरोना काल में जो व्यवस्था की उसकी भारत सरकार ने तारीफ़ की. हमने सबसे पहले पीडीएस से अनाज बांटना शुरू किया. हमारे हाथ-पांव भारत सरकार ने बांध दिया. हमने इस सदन में घोषणा की कि दूसरी स्किम से भरपाई करेंगे.
उन्होंने कहा कि आपके समय 1900 धान संग्रहण केंद्र थे, इस साल 2300 धान संग्रहण केंद्र हैं. पिछले साल 5 लाख किसान बेचे थे. 9.90 लाख किसानों ने धान बेच लिया है. 17 वर्किंग डे में 37 लाख टन खरीद रहे हैं. अरवा उसना को लेकर केंद्र सरकार अनुमति नहीं दे रही है. आप अटकाते हैं काम को. धान राइस मिल से कहाँ जाएगा.अटकाने का काम न करें. आपके दस्तखत के चलते रुका है ये बात मैंने कल पीयूष गोयल से कहा. हमारे मंत्री और अधिकारी धान खरीदी में लगे हैं.
भूपेश बघेल ने कहा कि पूरे देश मे पांडेमिक एक्ट लगा है. भारत सरकार के निर्देश है. जब नहीं सकते तो हमें बोलते हैं. आपके राज में मात्र 46 आईसीयू थे, आज 400 से ज़्यादा हैं. हमारा शासन में व्यवस्था हुई वरना आपके व्यवस्था के हिसाब से कुछ नहीं कर पाते. सभी जनप्रतिनिधि ने अच्छा काम किया. सेकंड स्टेज आ गया है. 91 लोग यूके से आये हैं. हम मुफ्त में इलाज करा रहे थे. लोगों की मांग के बाद प्राइवेट खोला. अजय जी को भंवरा खेलने से, गेड़ी चढ़ने से, छत्तीसगढ़ी बोलने में परेशानी है, लेकिन हम बचपन से यही करते आये हैं. ये हमारी संस्कृति है. अभिमान इसी बात का है हम छत्तीसगढ़िया हैं. नरवा में सूरजपुर को पहला, बिलासपुर को भारत सरकार से दूसरा स्थान मिला.
इसके पहले चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया. 25 दिसंबर जयंती की पूर्व संध्या पर किया अटलजी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने राज्य बनाया इसलिए आज हमें चर्चा का अवसर मिल रहा.
राज्य सरकार पर वित्तीय समस्याओं को लेकर निशाना साधते हुए धरमलाल कौशिक ने कहा कि सरकार ने अभिमान और स्वाभिमान का नारा दिया है. अभिमान से किसी का भला नहीं हो सकता. अभिमान किसी समाज के लिए कभी लाभप्रद नहीं रहा. अपनी श्रेष्ठता पर हमें गर्व होना चाहिए परंतु अभिमान नहीं होना चाहिए. आज यह नजर आता है कि सरकार के चरित्र पर अभिमान नजर आने लगा है.
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हो सकता है मुख्यमंत्री को इस बात पर अभिमान होगा कि उन्होंने 30 हजार करोड़ का कर्ज लिया. क्या हमें इस बात पर अभिमान होना चाहिए कि 2 साल के भीतर 12000 से अधिक लोगों ने आत्महत्या कर ली. क्या इस बात पर हमें अभिमान होना चाहिए कि 4098 लोगों का अपहरण हुआ. क्या इस बात पर हमें अभिमान होना चाहिए कि एक जनवरी 2019 से 4 दिसंबर 2020 तक 5356 बलात्कार की घटनाएं हुई.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मैं पूरे 20 साल का सबसे खस्ता बजट किसे कह सकता हूं. धान खरीदी के पहले पूरी सरकार ने मायाजाल बुनने की कोशिश की. केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि बारदाना उपलब्ध नहीं करा रही है. वास्तव में सरकार को यह बताना चाहिए कि आपने खरीदने का आर्डर कब दिया. जुलाई के महीने में बारदाने की खरीदी का आर्डर दिया गया है. सरकार ने 1 लाख 45 हजार गठान बारदाने की खरीदी की जूट मिल में आर्डर दिया. सूरजपुर बलरामपुर समेत पूरे सरगुजा संभाग में धान की खरीदी बंद हो गई है. बारदानों की कमी की वजह से कई जिलों में धान की खरीदी नहीं हो पा रहे हैं.
मंत्री अमरजीत भगत ने पलटवार करते हुए कहा कि कहीं भी बंद नहीं हुई धान की खरीदी. गलत बयानी कर रहे हैं नेता प्रतिपक्ष. केंद्र सरकार से धान के उठाव का अब तक आदेश नहीं आया है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा धान की खरीदी में सरकार ने अभी से डंडी मारना शुरू कर दिया है. एक कट्ठा में किसानों को 37 रुपए का नुकसान हो रहा है. किसानों को 15 क्विंटल में 1450 रुपए की डंडी सरकार मार रही है.
अर्थव्यवस्था में नहीं आई गिरावट
इसके पहले चर्चा के दौरान जेसीसी विधायक देवव्रत सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में गिरावट नहीं आई है. मुख्यमंत्री को बधाई. अमर्त्य सेन ने 10 साल पहले कहा कि हर किसी को इंक्लूसिव ग्रोथ का मॉडल पर जाना होगा. भूपेश बघेल ने इस अवधारणा को छत्तीसगढ़ में लागू करके दिखाया है. 4 किश्त में भी राशि मिल रही है, तब-तब पैसे आएँ हैं. अर्थव्यवस्था इसलिए मज़बूत है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जैसी कल्पना की हो. ये तभी सम्भव हुआ जब धान के साथ गोधन योजना लेकर आये. गांव के लोग गांव में रहेंगे. 2500 रुपए देने का जो मॉडल अपनाया. महाराष्ट्र सरकार ने ये निर्णय अपने 4 जिलों के लिए निर्णय लिया है. ये मॉडल सफल हुआ है. प्लास्टिक के बारदाने से खरीदी हुई है तो धान खरीदी में समस्या नहीं आएगी. इसपर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में धान के अलावा राजस्व पर काम किया जा सकता है. हीरा कोरेन्डोम की खनन पर विचार करना चाहिए. इस पर निर्णय लेना चाहिए. 25 हजार करोड़ रुपए मिलेगा.
मिलाना था कंधे से कंधा
शैलेश पांडेय ने उलाहना दिया कि सरकार के कंधे से कंधा मिलाना था कोरोना के मसले पर. इस पर शिव रतन शर्मा ने टोकते हुए कहा कि रेट लिस्ट को उठाएंगे तो कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे बात करने. इस पर उमेश पटेल ने मोर्चा संभालते हुए कहा कि आपको कंधे से कंधा किसानों को केंद्र ने बोनस देने से मना किया तब मिलाना था. तब कहाँ थे ? शिव रतन ने कहा कि मैंने जहां ज़रूरी था, वहां इसे उठाया. इस पर उमेश ने कहा कि पिछली सरकार नहीं इस कार्यकाल में आपने कहाँ बोला.