नई दिल्ली. अयोध्या में राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 15 अगस्त के बाद सुनवाई होगी. अयोध्या में राम मंदिर को लेकर बनाई गई तीन सदस्यीय मध्यस्थता कमेटी ने शुक्रवार को सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपी. इसके साथ ही मध्यस्थता कमेटी ने 15 अगस्त तक का समय मांगा. जिसे स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 15 अगस्त तक का समय कमेटी को दिया है.

सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड, अशोक भूषण और एस. अब्दुल नजीर की संवैधानिक बेंच के समक्ष मध्यस्थता कमेटी के प्रमुख जस्टिस एफएमआई खलीफुल्ला ने रिपोर्ट दाखिल की, जिसमें मध्यस्थता प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 15 अगस्त तक का समय मांगा गया. इसके बाद कोर्ट ने मामले की मध्यस्थता का समय 15 अगस्त तक बढ़ा दिया.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम मामले में मध्यस्थता कहां तक पहुंची, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं कर सकते हैं. इसको गोपनीय रहने दिया जाए. मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील राजीव धवन ने कहा कि हम कोर्ट के बाहर बातचीत से समस्या के हल निकालने का समर्थन करते हैं. साथ ही मुस्लिम याचिकाकर्ताओं की ओर से अनुवाद कई गलतियों का जिक्र किया गया. इसके बाद कोर्ट ने मुस्लिम पक्षकार को अपनी आपत्तियों को लिखित में दाखिल करने की इजाजत दे दी.