रायपुर- बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा को बिलासपुर हाईकोर्ट ने राहत देते हुए रायपुर पुलिस को नो कोरेसिव एक्शन का आदेश दिया है. बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और राजीव गांधी पर टिप्पणी करने के मामले में कांग्रेस ने 10 मई को पात्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. रायपुर पुलिस ने संबित पात्रा को तीन बार नोटिस जारी कर बयान दर्ज कराने बुलाया था, लेकिन कोरोना संक्रमण की चपेट में आने की दलील देकर बयान देने वह नहीं पहुंचे.
संबित पात्रा की ओर से वकील शरद मिश्रा ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. जस्टिस संजय के अग्रवाल की बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नो कोरेसिव एक्शन का आदेश दिया है. कोर्ट के इस आदेश के बाद फिलहाल संबित पात्रा को बड़ी राहत मिल गई है.
संबित पात्रा के ट्वीट के बाद कांग्रेस नेताओं की ओर से तीखा बयान सामने आया था. संबिता पात्रा के खिलाफ एनएसयूआई अंकुश पिल्लई और यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पूर्ण चंद्र पाढ़ी ने शिकायत दर्ज कराई थी आरोप यह लगाया गया था कि पात्रा ने अपने ट्विटर एकाउंट से 1984 के सिख विरोधी दंगों, पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू व राजीव गांधी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. शिकायत में कहा गया था कि जब किसी भी मामले में पूर्व प्रधानमंत्री को अदालत ने दोषी नहीं ठहराया तो ऐसे में कोरोना संकट के समय इस तरह की बातें जानबूझकर फैलाई जा रही हैं.
रायपुर पुलिस ने तीन दफे जारी की है नोटिस
हाईकोर्ट के आदेश पर फिलहाल अब रायपुर पुलिस किसी तरह का नोटिस संबित पात्रा को नहीं भेज सकेगी. लेकिन इससे पहले तक सिविल लाइन पुलिस ने तीन नोटिस जारी किया है. संबित को पहले 20 मई फिर 2 जून और अब 8 जून को थाने में हाजिर होने को कहा गया. हालांकि अभी तक वे एक भी बार पेश नहीं हुए.