रायपुर- छत्तीसगढ़ में तीन दिनों के भीतर तीन मादा हाथी की मौत के मामले में राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बलरामपुर वनमंडल के डीएफओ प्रणय मिश्रा को हटाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है. उनकी जगह लक्ष्मण सिंह नए डीएफओ बनाए गए हैं. सरकार की गाज एसडीओ के एस खुटिया और रेंजर अनिल सिंह पर गिरी है. शासकीय सेवा में लापरवाही बरतने के आरोप में दोनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है.

वन मंत्री मो.अकबर के निर्देश के बाद डीएफओ को हटाने के साथ एसडीओ और रेंजर को निलंबित किए जाने का आदेश जारी किया गया. डीएफओ प्रणय मिश्रा को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए यह कहा गया है कि राजपुर रेंज में मादा हाथी की मौत 6 जून को हुई लेकिन विभाग को इसकी जानकारी 11 जून को तब हुई, तब तक हाथी का शव सड़ चुका था. मानव हाथी द्वंद नियंत्रण कार्य में यह घोर लापरवाही बरती गई है. नोटिस में कहा गया है कि शासकीय कार्य के प्रति उदासीनता तथा बरती गई लापरवाही अखिल भारतीय सेवा आचरण नियम 1968 के नियम 3 का स्पष्ट उल्लंघन है. ऐसे में क्यों न अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए? डीएफओ को सात दिनों के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं.

इधर एसडीओ के एस खुटिया और रेंजर अनिस सिंह को निलंबित करने के आदेश में विभाग ने लिखा है कि कर्तव्यों में गंभीर चूक और लापरवाही उजागर हुई है, लिहाजा छत्तीसगढ़ सिविल सेवा ( वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) (क)  के तहत निलंबित किया जाता है.

बता दें कि 9 जून की सुबह प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के गणेशपुर बांध के नजदीक एक हथिनी का शव मिला था. प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई थी कि वह गर्भवती थी. विभाग ने कहा कि प्रसव पीड़ा से तड़पकर मौत हुई, लेकिन उसकी मौत के 24 घंटे बाद ही कुछ ही दूरी पर एक दूसरी हथिनी का शव मिला. दो हथिनी की मौत के बाद गुरूवार सुबह बलरामपुर में तीसरी हथिनी की मौत की खबर ने वन महकमे में हड़कंप मचा दिया. गणेशपुर के जंगल में एक और हथिनी का शव मिला. शव की बदबू आने पर ग्रामीणों ने इसकी जानकारी वन विभाग को दी गई थी. वन महकमे के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. वन मंत्री मो.अकबर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दिए थे.