देश के सबसे अहम मंत्रालयों में से एक रेल मंत्रालय से पीयूष गोयल की छुट्टी हो गई है. उनके स्थान पर अब इस अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी पूर्व IAS अधिकारी को दी गई है. अश्विनी वैष्णव को रेल के अलावा आईटी और संचार मंत्रालय का कार्यभार भी सौंपा गया है.

पूर्व नौकरशाह और अब नए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को मंत्री पद की शपथ ली थी. हम आपको बताते हैं कि आखिरकार कौन हैं देश के नये रेल मंत्री और उन्हें कई अहम मंत्रालयों की यह जिम्मेदारी क्यों दी गई?

  •  राजस्थान के जोधपुर में पैदा हुए 51 वर्षीय वैष्णव 1994 बैच के ओडिशा कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी रहे हैं. आईएएस अधिकारी रहते हुए उन्होंने 15 सालों तक कई अहम जिम्मेदारियां संभालीं.
  •  अश्विनी वैष्णव को सबसे ज्यादा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी फ्रेमवर्क में उनके अहम योगदान के लिए ही जाना जाता है.
  • आईआईटी ग्रैजुएट वैष्णव ने साल 2008 में नौकरी छोड़ दी और वह अमेरिका के वॉर्टन यूनिवर्सिटी चले गए जहां से उन्होंने एमबीए की पढ़ाई की.
  •  कई जानी-मानी कंपनियों में काम करने के बाद वह देश वापस लौटे और गुजरात में अपने मैन्युफैक्चरिंग यूनिट खोली. इसके बाद उन्होंने जनरल इलेक्ट्रिक और सिमेन्स जैसी कंपनियों में भी शीर्ष पदों पर काम किया.
  • ऐसी जानकारी मिली है कि भारतीय रेलवे की योजना है कि वह कई चरणों में प्राइवेट ट्रेन लॉन्च करने वाली है. जहां वे अपना अहम योगदान निभाएंगे.

बता दें कि वैष्णव 28 जून, 2019 को हुए राज्यसभा चुनाव से सिर्फ छह दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे.

प्रशासनिक सेवा में रहते हुए उन्होंने बालेश्वर और कटक जिलों के कलेक्टर की जिम्मेदारी निभाई. साल 1999 में आए भीषण चक्रवात के समय उन्होंने बतौर नौकरशाह अपने कौशल का परिचय दिया और उनकी सूचना के आधार पर सरकार त्वरित कदम उठा सकी जिससे बहुत सारे लोगों की जान बची. वैष्णव ने साल 2003 तक ओडिशा में काम किया और फिर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यालय में उप सचिव नियुक्त हो गए.

वाजपेयी जब प्रधानमंत्री पद से हटे तो वैष्णव को उनका सचिव बनाया गया था.