पटना. जेडीयू और भाजपा का गठबंधन टूट गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यपाल फागू सिंह चौहान से जल्द मिल सकते हैं. बता दें कि बिहार में एनडीए गठबंधन टूटने की खबरों के बीच भाजपा अभी तक नीतीश कुमार के अगले आधिकारिक कदम का इंतजार कर रही है, वहीं आरएसएस से जुड़े महत्वपूर्ण संगठनों में से एक विश्व हिंदू परिषद ने नीतीश सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है.

बिहार की राजधानी पटना में जदयू की अहम बैठक मुख्यमंत्री आवास पर शुरू हुई. सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार के एनडीए से बाहर होने और महागठबंधन में शामिल होने की स्थिति में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने भाजपा को ‘बेनकाब’ करने की योजना तैयार की है. सूत्रों ने कहा है कि जनता दल (युनाइटेड) के शीर्ष नेतृत्व के पास 6 से ज्यादा ऑडियो रिकॉर्डिग हैं, जिससे साबित होता है कि उसके विधायकों और मंत्रियों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बगावत करने के लिए बड़े-बड़े प्रस्ताव दिए गए थे. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि किस पार्टी और नेताओं ने जदयू के विधायकों को ऑफर दिए.

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बता दें कि राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने रविवार को अपने बयान के दौरान ‘चिराग मॉडल’ की ओर इशारा किया था, जिसका इस्तेमाल एक खास पार्टी ने नीतीश कुमार और जदयू को कमजोर करने के लिए किया था, जिसके चलते जदयू पिछले विधानसभा चुनाव में केवल 43 सीटें जीत सकी थी.

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