इस्लामाबाद। इमरान खान के अविश्वास प्रस्ताव पास होने के बाद सत्ता से हटने के बाद सोमवार को पाकिस्तान नेशनल एसेंबली में संयुक्त विपक्ष के प्रत्याशी शहबाज शरीफ पाकिस्तान प्रधानमंत्री चुने गए. नेशनल असेंबली में हुए मतदान में पीएमएल-एन के नेता शहबाज शरीफ को 174 मत मिले, वहीं पीटीआई के प्रत्याशी शाह महमूद कुरैशी को एक भी मत नहीं मिला. इसके साथ ही स्पीकर ने शहबाज शरीफ को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री घोषित किया.

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई और पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ के कंधों पर बतौर प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के कंधों पर पाकिस्तान की गिरती अर्थव्यवस्था को संभालने की होगी. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पटरी से उतरी हुई है. कर्ज की वजह से पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट देखी जा रही है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के मुताबिक, 1 अप्रैल, 2022 तक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के पास 1,131.92 करोड़ डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार था. यह रिजर्व 26 जून, 2020 के बाद सबसे निचले स्तर पर है. इसके अलावा व्यापार घाटे में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है. साल 2022 की दूसरी तिमाही के दौरान पाकिस्तान का कुल कर्ज 5,272 करोड़ पाकिस्तानी रुपये से ज्यादा है. आईएमएफ ने पाकिस्तान को 1188 करोड़ पाकिस्तानी रुपये का कर्ज दे रखा है.

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सेना के साथ सामंजस्य

पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सेना से अच्छे संबंध है. वहीं दूसरी ओर पीटीआई के सर्वेसर्वा इमरान खान को फूटी आंख नहीं सुहाते हैं. बताया जाता है कि इमरान खान ने बहुमत खोने के बाद भी प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा केवल इसलिए नहीं दिया कहीं शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री न बन जाएं. बताया जाता है इमरान खान ने आखिरी वक्त तक शहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री नहीं बनने देने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया, लेकिन सेना के न्यूट्रल रहने की वजह से इमरान खान अपनी कोशिश में कामयाब नहीं हो पाए.

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