रायपुर। छत्तीसगढ़ के विभिन्न जेलों में बंद आदिवासियों को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने एक प्रेस वार्ता की. पत्रकारों से चर्चा में समाज के संरक्षक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरविंद नेताम बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि हमेशा देखा जाता है कि आदिवासी सुबह नक्सली परेशान रहते हैं तो रात में पुलिस वाले उन्हें तंग करते हैं.

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आदिवासियों की स्थिति ये है कि वे दो पाटों के बीच पीस रहे हैं. उनके लिए एक तरफ कुआँ तो एक तरफ खाई वाली कहावत है.

हालांकि उन्होंने सरकार को इस बात के लिए बधाई दी कि आदिवासियों के हितों के लिए सरकार ने जो कमेटी बनाई उससे बड़ी राहत मिलेगी. हम सरकार की ओर आदिवासियों की रिहाई को लेकर बनाई गई कमेटी का स्वागत करते हैं. सरकार की यह एक अच्छी पहल है.

सरकार को समाज की ओर से किसी तरह से अगर सहयोग चाहिए तो वह भी देंगे. हमें पता है कि निर्दोष आदिवासी हजारों की संख्या में जेलों में बंद है. उन्हें झूठे मामलों में फंसाया गया है. ऐसे में सरकार इन प्रकरणों पर गंभीरता से विचार कर रही है यह भविष्य के लिए बेहतर संकेत है.