नई दिल्ली। भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट के कोरोना वैक्सीन को भारत ने दी मंजूरी दी गई है. इसके साथ ही एक अन्य फार्मा कंपनी कैडिला को कोरोना वैक्सीन के थर्ड स्टेड के ट्रायल की मंजूरी दी गई है. इस संबंध में डीसीजीआई के प्रवक्ता ने प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी. कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दिए जाने का विश्व स्वास्थ्य संगटन (WHO) ने स्वागत किया है.

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के प्रवक्ता ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि वृहद ट्रायल के बाद एक्सपर्ट कमेटी के अनुमोदन पर भारत बायोटेक के कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट के कोविशील्ड के भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दिए जाने की जानकारी दी. इसके साथ ही अन्य फार्मा कंपनियों से अलग कैडिला द्वारा डीएनए पर विकसित किए जा रहे कोरोना वैक्सीन के थर्ड स्टेज के ट्रायल को मंजूरी दी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में बने दो कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दिए जाने पर देश के डॉक्टर्स और वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा ट्वीट किया है कि कोरोना के खिलाफ दो वैक्सीन को मंजूरी मिली है. आज हर भारतीय के लिए गर्व का दिन है. वहीं सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने ट्वीट कर सभी को नव वर्ष की बधाई देते हुए कहा कि कोरोना वैक्सीन का भंडारण आखिरकार सही साबित हुआ. भारत के पहले कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड को अनुमति मिल गई है. सुरक्षित, असरदार और आने वाले सप्ताह में रोल आउट के लिए तैयार है.


जानकारों का कहना है कि डीसीजीआई के अनुमोदन के बाद अगले दो-तीन दिनों में कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद वैक्सीन निर्माता अपना काम शुरू कर देंगे. और चार-पांच दिन के भीतर लोगों को उपलब्ध होने लगेंगे. पहले चरण में हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर को उपलब्ध कराया जाएगा. इसके बाद 50 साल से ऊपर और 50 साल के कम उन लोगों को गंभीर बीमारी हैं, उन्हें यह उपलब्ध कराया जाएगा.

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया वीडी सोमानी ने कोरोना वैक्सीन को अनुमति दिए जाने के बाद प्रेस से चर्चा में कहा कि हम किसी भी हालत में सुरक्षा में किसी प्रकार की छोटी सी भी आशंका होने पर मंजूरी नहीं देते. वैक्सीन 110 प्रतिशत सुरक्षित है. सभी वैक्सीन में हल्का बुखार, दर्द और एलर्जी जैसे सामान्य साइड इफेक्ट होते हैं. लेकिन यह वैक्सीन नपुंसक बना देगी कहना बकवास है.