विनोद दुबे, रायपुर। यह खबर उन सभी लोगों के लिए है जो ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते. अगर आप भी उनमें से एक हैं तो आज से ही सावधान हो जाइये. अब पुलिस की तीसरी दृष्टि से ऐसे लोग बिल्कुल भी नहीं बच पाएंगे. अब ट्रैफिक नियमों का किसी भी तरह से उल्लंघन करने पर ई-चालान खुद ही जनरेट हो जाएगा और उल्लंघन करने वाले वाहन चालक के घर स्पीड पोस्ट से भेज दिया जाएगा.
इसके साथ ही वाहन चालक को एसएमएस एवं मैनुअल भी ई-चालान भेजा जाएगा. जिसके लिए आरटीओ से भी लिंक किया गया है ताकि समय-समय पर वाहन के डेटाबेस की जानकारी अपडेट होती रही. यही नहीं ऐसे वाहन चालकों के लायसेंस भी निरस्त किये जा सकते हैं. दरअसल दुर्ग में आईटीएमएस याने कि इन्ट्रीगेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम की शुरुआत हो गई है. इसके साथ ही दुर्ग जिला प्रदेश का ऐसा पहला जिला बन गया है जहां इस सिस्टम को लागू कर दिया गया है. प्रथम चरण में 126 कैमरे लगाए गए हैं जिसका खर्च तकरीबन 5 करोड़ रुपए आया है.
दुर्ग के एएसपी ट्रैफिक विजय अग्रवाल ने बताया कि शुरुआती 10 दिन वाहन चालकों को ऐसी कार्रवाई से बचने के लिए जागरुक करने ट्रैफिक पुलिस द्वारा अभियान चलाया जा रहा है. इसके साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोगों को जानकारी दी जा रही है. इस अभियान के समाप्त होने के बाद ट्रैफिक विभाग यातायात नियमों को लेकर सख्ती बरतना शुरु कर देगा. इसके अलावा जो लोग चालान का पैसा जमा नहीं करेंगे उनके प्रकरण न्यायालय में पेश किए जाएंगे. वहीं इस सिस्टम के माध्यम से ऐसे वाहन चालकों का डेटाबेस भी पुलिस द्वारा तैयार किया जा रहा है जो एक बार से अधिक ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन कर चुके हैं. ऐसे वाहन चालकों का लायसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी.
ऐसे किया जा रहा है जागरूक
आईटीएमएस ऐसे करेगा काम
यातायात सिग्नल का उल्लंघन करने, मोटर सायकल में तीन सवारी, बिना हेल्मेट के दो पहिया वाहन चलाने एवं गलत नंबर प्लेट का डिटेन्शन कैमरों के जरिए आटो मैटिक चालान जनरेट हो जाएगा.
आईटीएमएस के प्रथम चरण में कुल 126 कैमरे दुर्ग-भिलाई के प्रमुख 11 अलग-अलग चौक चौराहों पर लगाया गया है. इसके साथ ही 78 कैमरे, नंबर प्लेट रीडर, 33 सर्विलांस कैमरे, 8 कैमरे रेड लाइट वायलेशन डिटेक्टर एवं 7 कैमरे 360 डिग्री पर घूमने वाले पीटी 2 कैमरे लगाए गए हैं. जो कैमरे लगाए गए हैं वे सभी नाइट विजन कैमरे हैं. इन कैमरों से रात में भी स्पष्ट तस्वीरें आएंगी.
जो कैमरे लगाए गए हैं उनका मास्टर कंट्रोल पुलिस कंट्रोल रुम में ही बनाया गया है. दूसरे चरण में 48 अन्य चौक-चौराहों में ये कैमरे लगाए जाएंगे. इन कैमरों के लग जाने से दिन-रात चौबीस घंटे पुलिस की नजर सड़क पर रहेगी. सिग्नल वायलेंस या फिर और किसी तरह से ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन करने पर आटोमेटिक तरीके से चालान जनरेट हो जाएगा. उसके साथ ही इससे आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर भागने वालों को ट्रेस करने में भी पुलिस को आसानी रहेगी.
ये जो कैमरे लगाए गए हैं उन 126 कैमरों में 78 कैमरे नंबर प्लेट पढ़ने वाले, 33 कैमरे सर्विलांस यानि कि निगरानी करने वाले कैमरे हैं. बाकि के कैमरे की नजर रेड लाइट वायलेशन डिटेक्टर एवं PTZ वाले कैमरे हैं.
ये भी होगा फायदा
अक्सर देखा गया है कि ट्रैफिक पुलिस नियमों का उल्लंघन करने पर जिन्हें रोकती है उनसे उनकी तीखी बहस भी होती है. गलती करने वाले वाहन चालक पुलिस को ऊंची पहुंच का धौंस दिखाते हैं और किसी न किसी वीआईपी से फोन कराकर उन पर चालानी कार्रवाई नहीं करने का दबाव भी डालते हैं. अब आईटीएमएस के शुरुआत हो जाने से पुलिस को इस तरह की चीजों से मुक्ति मिल जाएगी. यहां तक की वीआईपी भी नियमों का उल्लंघन करेंगे तो उनके घर भी ई-चालान पहुंच जाएगा लेकिन अपना रौब दिखाने काफी देर हो चुकी होगी.