रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कलेक्टर कान्फ्रेंस में जिलाधिकारियों को सीधे और स्पष्ट लहजे में कड़े निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के वादें का सूत्र वाक्य नरवा-गरवा, घुरवा-बारी पर प्राथमिकता से काम करें. इसके साथ ही आम लोगों की समस्याएं अगर जिला स्तर पर हल हो सकता तो उसे वहीं तत्काल निराकृत करें. मामलों को लंबित रखने की प्रथा बंद करनी होगी. सरकार ने तय किया है कि ग्रामीण विकास पर पूरा जोर देना है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन होना चाहिए. ऐसा नहीं होना चाहिए जिन लोगों को योजनाओं का लाभ मिल रहा उन्हें पता ही न उस योजना के बारे में. मतलब लाभ के साथ-साथ जानकारी भी लोगों तक बेहतर तरीके से पहुँचनी चाहिए. पूर्व सरकार में आप सब जैसा भी काम करते रहे होंगे. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. आपको यह भी देखना होगा कि आज जिस जिम्मेदारी को निभा रहे हैं वह काम सरकार ही नहीं बल्कि आपका अपना भी है. मतलब आपको हर काम पूरा जुझारूपन दिखाना होगा.
कलेक्टर कान्फ्रेंस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कसे अफसरों के पेच. कहा छोटी-छोटी शिकायतें स्थानीय स्तर पर निपटायें. मेरे पास शिकायत पहुंचने का मतलब कलेक्टर काम नहीं कर रहे हैं. सीएम ने कहा कि उन्हें अपने अफसरों पर भरोसा है. उन्हें काम नहीं करने वालों से भी काम लेना आता है.
मुख्य्मंत्री भूपेश बघेल ने कलेक्टर कान्फ्रेंस के बाद पत्रकारों से चर्चा में बताया कि उन्होंने कलेक्टर और एसपी को कार्यों में कसावट लाने के निर्देश दिए हैं. वहीं स्थानीय मामले मुख्यमंत्री तक पहुंचने पर उन्होंने नाराज़गी जताते हुए कहा कि इसका मतलब है कि कलेक्टर और एसपी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं.