रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इन दिनों हर उस ढर्रे को बदलने में लगे जो आडंबर से ज्यादा कभी कुछ रहा ही नहीं. ऐसी कोई व्यवस्था नहीं चाहते जिससे आम लोगों को परेशानी हो. लिहाजा पहले उन्होंने अपने काफिला में कटौती की, फिर उनकी वजह से ट्रैफिक को परेशानी न हो इसके लिए निर्देश जारी किए, आम लोगों से सहज होकर मिल सके लिहाजा सुरक्षाकर्मियों को निर्देशित किया. फिर सभाओं के लिए स्कूली बसों के अधिग्रहण पर रोक लगाई. अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक और निर्णय लिया है. उन्होंने कहा है कि स्कूली बच्चों को लाइन लगाकर उनके स्वागत के लिए न खड़ा किया जाए. इससे बच्चों की पढ़ाई में बाधा पहुँचती है और यह अच्छी बात नहीं. प्रदेश में लार्ड मैकाले की नीति नहीं चलेगी.
भूपेश बघेल अपने इस निर्णय को ट्वीट करते हुए लिखा है-
मैंने निर्णय लिया है कि मेरे स्वागत के लिए स्कूली बच्चों को लाइन लगाकर ना खड़ा किया जाए. बच्चों की पढाई में व्यवधान मुझे स्वीकार्य नहीं है. जिसने ऐसा किया उनसे मैं स्वयं बात करूंगा. प्रदेश में लार्ड मैकाले की नीति अब नहीं चलने वाली.
आपको बता दे कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद को सहज आदमी की तौर पर जनता के बीच रखना चाहते हैं. वे इस कोशिश में हैं कि किसी तरह का कोई आडंबर स्वागत के नाम पर न हो. उन्होंने शायद इसी चीज को लगातर कुछ स्कूली कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद महसूस किया है. जिसके बाद उन्होंने यह निर्णय लिया. उम्मीद बघेल बजट में शिक्षा नीति में इसी तरह का बदलाव लेकर आएंगे.