प्रदीप गुप्ता,कवर्धा। कबीरधाम जिले में 15 साल तक भाजपा का कब्जा था. पार्षद से लेकर मुख्यमंत्री तक भाजपा का ही हुआ करता था. यहां कांग्रेस का पूरी तरह से सफाया हो चुका था, क्योंकि यह पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का गृह जिला है. लंबे समय बाद पिछले साल कांग्रेस की जीत ने कवर्धा में कांग्रेस की उम्मीद जगा दी है. यही कारण है कि 15 साल तक जिस नगर पालिका में भाजपा का कब्जा था आज वहां भाजपा का ही सफाया हो चुका है. कवर्धा पालिका के 27 वार्डो में से 19 वार्ड में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. भाजपा मात्र 6 वार्ड ही जीत पाई है.

कांग्रेस की लंबे समय बाद ऐसे जीत हुई है कि अध्यक्ष के सभी दावेदारों ने जीत कर सभी को हैरत में डाल दिया है. कांग्रेस संगठन भी अब असमजस्य की स्थिति में है. कवर्धा विधानसभा मो. अकबर का क्षेत्र है, जहां कांग्रेस की हर रणनीति खुद मो. अकबर तय करते है, लेकिन इस बार के नगर पालिका चुनाव में उसके सभी करीबी व अध्यक्ष के प्रबल दावेदार माने जाने वाले सभी कांग्रेस कार्यकर्ता पार्षद चुनाव जीत चुके है. नगर पालिका अध्यक्ष के लिए अब तक कई नाम सामने आ रहे हैं. जिनमें भाजपा के गढ में 25 साल बाद जीतने वाले प्रमोद लूनिया, मो. अकबर के करीबी मोहित माहेश्वरी और इन सब में अकबर के लिए लंबे समय तक करीब से काम करने वाले ऋषि शर्मा भी जीत कर अध्यक्ष की दोवदारी कर रहे है.

मोहित महेश्वरी- ऋषि शर्मा- प्रमोद लुनिया

नगर पालिका में इन्हीं तीन में से किसी एक का अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है, लेकिन इसके अलावा भाजपा शासनकाल में लगातार दो बार नेता प्रतिपक्ष रहे जमील खान, दो बार के पार्षद चुनवा खान, शराब ठेकेदार से अध्यक्ष बने अशोक सिंह व संजय लांझी का नाम भी अध्यक्ष की दौड़ में शामिल है. हालांकि कांग्रेस संगठन के लोग भी लंबे समय बाद सत्ता में वापस करने पर पद की लालसा रखे हुए है, लेकिन पूरी कमान मो. अकबर के उपर है.

4 जनवरी को कांग्रेस के पर्यवेक्षक कवर्धा पहुंचेंगे, जो सभी जीते हुए पार्षदों से चर्चा कर अध्यक्ष के नाम की घोषणा 6 दिसंबर को करेंगे. तब तक के लिए सभी दावेदार राजधानी पहुंचकर आलामान के दरबार में उपस्थिति दे रहे है. संगठन के पदाधिकारी भी अब अंतिम मुहर मो. अकबर के द्वारा लगाने की बात कह रहे हैं. ऐसे में कवर्धा को अपने प्रथम नागरिक के लिए 6 जनवरी तक का इंजतार करना पड़ेगा. इसी दिन नगर पालिका का प्रथम सम्मेलन व अध्यक्ष-उपाध्यक्ष का चुनाव होना है.