प्रतीक चौहान, रायपुर। LALLURAM.COM की खबर का बड़ा असर हुआ है. राजधानी रायपुर की सबसे पॉश कॉलोनी शंकर नगर इलाके में एक बड़े बिल्डर को प्लाटिंग करनी थी. इसके लिए ऑनलाइन नक्शे में रोड़-रास्ता दर्शाना था, जिसे तत्कालीन पटवारी वीरेंद्र झा ने जो काम कलेक्टर के क्षेत्राधिकार में है, वो खुद ही कर दिया था. इसके बाद पटवारी पर कार्रवाई की गई, जिसके बाद LALLURAM.COM ने खबर को प्रमुखता से प्रकाशित और अब कार्रवाई की गई है.

आदेश की कॉपी-

दरअसल, पटवारी नियमों के मुताबिक बिना रिश्वत लिए बी-1 की कॉपी नहीं देते तो भला बिल्डर के लिए इतना बड़ा काम बिना चढ़ावे के किए हो ये तो संभव नहीं है, लेकिन बावजूद इसके तहसीलदार पटवारी पर मेहरबान नजर आ रहे थे. तहसीलदार ने पटवारी द्वारा किए गए काम को अनाधिकृत और पटवारी की करतूतों पर चिंता तो व्यक्त की थी. जांच के आदेश भी दिए, लेकिन उन्होंने कोई कार्ऱवाई नहीं की थी.

जबकि उन्होंने पटवारी को नोटिस जारी करने वाले दस्तावेजों में हस्ताक्षर किए थे, लेकिन देर शाम दस्तावेज में हस्ताक्षर करने के बाद उसे चुप-चाप साइड कर दिया गया. कचना पटवारी ने 7 अंकों वाली एक मुश्त चढ़ावे की रकम प्लाटिंग करने वाले बिल्डर से ली थी, जिसके बाद अब कार्रवाई की गई है.

इसके पहले 6 दिन के लिए गायब हो गए थे पटवारी ?

सूत्रों से ये भी अपुष्ट जानकारी मिली है कि 5-6 महीने पहले जमीनों के दस्तावेजों की ऐसी ही गड़बड़ी करने के कारण पटवारी 6 दिनों तक गायब थे. लेकिन बाद में इस मामले में कुछ डील हुई, जिसके बाद उन्हें वे वापस लौटें. इतना ही नहीं सुंदर नगर इलाके में पटवारी का नया आलीशान घर भी चर्चा का विषय तहसील दफ्तर में है. इनके मित्र उक्त घर की कीमत करीब 3 करोड़ रुपए आंक रहे है.

 

 

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