पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. दो दशक से चली आ रही मांग के बाद अमलीपदर सूखा नाला पर 2020 में 7 करोड़ की लागत से पुल निर्माण की मंजूरी तो मिल गई पर विभागीय उदासीनता के चलते आज भी इस क्षेत्र के लोगों की समस्या जस की तस बनी हुई है. 150 मीटर पुल के निर्माण की जवाबदारी पीडब्ल्यूडी के सेतु शाखा को मिली थी. निविदा के बाद एनजी एसिसोएट नाम की कंपनी को काम मिला. 5 जून 2022 को कार्य आदेश जारी हुआ, जिसे 2023 में पूरा कर लिया जाना था, लेकिन ठेका कम्पनी ने तय समयावधि के अतरिक्त और एक साल मिलने के बावजूद केवल 28 प्रतिशत ही काम कर पाया. पिछले 24 माह में ठेकेदार ने बनाए जाने वाले 5 पिलर में एक भी खड़ा नहीं कर पाया. केवल दो एबर्टमेंट ही खड़ा हो सका है.

ठेका कंपनी के पास काम करने नहीं थे पर्याप्त संसाधन

ठेका कंपनी के पास काम करने पर्याप्त संसाधन नहीं थे. लिहाजा पिलहर के लिए नींव खोदने में ही एक साल से ज्यादा समय लग गए. नींव खुदाई में आए पत्थर को तोड़ने के लिए मशीन जुगाड़ करने में ठेका कंपनी को 6 माह लग गए थे. काम देरी होते देख विभाग ने 6 प्रतिशत पेनाल्टी चार्ज कर दिया था. तीन नोटिस के बाद 14 जून 2024 को सेतु शाखा ने ठेका निरस्त कर दिया. विभाग ने अब तक 28 प्रतिशत काम के एवज में लगभग डेढ़ करोड़ का भुगतान कम्पनी को किया है. अब रिटेंडर के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

दो साल फिर बढ़ गई ग्रामीणों की समस्या

अमलीपदर इलाके के 40 गांव के लोग ब्लॉक व जिला मुख्यालय आने इसी रास्ते का उपयोग करते हैं. बरसात के दिनों में ज्यादातर समय आवाजाही प्रभावित होती है. स्कूली बच्चों से लेकर कारोबारी तक को इस बाधित आवागमन से जूझना पड़ता है. छत्तीसगढ़ प्रदेश के अस्तित्व में आने के बाद से सूखे नाला पर उच्च स्तरीय पुल निर्माण की मांग के लिए दो दशकों तक क्षेत्र के लोगों ने संघर्ष किया था. धरना प्रदर्शन, रैली के बाद इस नाले पर उच्च स्तर पुल निर्माण की मंजूरी मिली थी. काम में देरी व नए सिरे से प्रक्रिया के चलते क्षेत्रवासियों को अब दो साल और इंतजार करना पड़ेगा.

रि-टेंडर की प्रकिया जल्द शुरू की जाएगी : एसडीओ

इस मामले में एसके पंडोल एसडीओ पीडब्ल्यूडी सेतु शाखा ने कहा, निर्माण में विलंब के कारण ठेका निरस्त कर दिया गया है. मूल्यांकन कर बचत कार्य के लिए रि-टेंडर की प्रकिया जल्द शुरू की जाएगी.

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