शिवम मिश्रा,रायपुर। कांग्रेस विधायक पर आबकारी दफ्तर में कर्मचारी से मारपीट के आरोप पर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि कांग्रेसी सत्ता के मद में मदहोश है. कांग्रेसियों ने आम जनता, अधिकारी और कमर्चारियों से मारपीट की है. प्रशासन भी इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. आदिवासी महोत्सव पर बृहमोहन ने कहा कि सरकार केवल इवेंट कंपनियों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है. राज्य सरकार पब्लिसिटी के लिए कार्यक्रम करवा रही है. दूसरे राज्यों के नेता-मंत्रियों को आमंत्रण, लेकिन छत्तीसगढ़ के ही विधायक-सांसदों को सम्मान पूर्वक आमंत्रित नहीं किया जा रहा है.

MLA समर्थकों की गुंडागर्दी: आबकारी दफ्तर में घुसकर कर्मचारी से की मारपीट, दो आरोपी गिरफ्तार, देखें VIDEO

बीजेपी के पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लगभग 10 से ज्यादा मामले आ चुके हैं. जिसमें कांग्रेसियों ने अधिकारी, कर्मचारी और जनता के साथ मारपीट की है. यह बहुत दुर्भाग्यजनक है. सत्ता पार्टी के लोग ऐसी हरकतें कर रहे हैं. उनमें तो और ज्यादा उदारता होनी चाहिए. लेकिन सत्ता का दुरुपयोग कर पुलिस में रिपोर्ट लिखाने के बाद भी उन पर कार्रवाई नहीं होती है. सत्ता के मद में पूरी पार्टी और पूरी सरकार मदहोश हो गई है. मदहोश होकर लोगों को परेशान कर रहे हैं.

पब्लिसिटी के लिए 10-20 करोड़ खर्च करना गलत

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आदिवासी बिंदास होते है. अपनी मौज मस्ती में रहते हैं. खुद ही अपना तीज त्यौहार मनाते हैं. बस्तर, सरगुजा में सिहावा नगरी जैसे क्षेत्रों में जहां वनवासी आदिवासी समाज बड़ी मात्रा में रहते हैं. उनके जीवन में खुशहाली आना चाहिए. खाली पब्लिसिटी के लिए 10-20 करोड़ रुपए खर्च करना गलत है. राज्य सरकार को अगर आदिवासी महोत्सव कराना ही है, तो अंतागढ़, दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा में करवाएं.

कांकेर से रायपुर पहुंचे आदिवासियों से राज्यपाल ने की मुलाकात: उइके ने कहा- आदिवासी आज भी वंचित, सरकार के काम-काज और पैसों का रखें हिसाब

इवेंट कंपनियों को पहुंचा रहे फायदा

रायपुर में आदिवासी महोत्सव सिर्फ कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए कराया जा रहा है. कुछ इवेंट कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए करवाया जा रहा है. पूरे छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की संख्या 70 से 80 लाख तक की है. लेकिन उसके बजाय इस शहर में कुछ हजार लोगों को बुलाकर और उनको नाच गाना दिखाना आदिवासी महोत्सव नहीं होता है. जिस दिन हमारे वनवासी आदिवासी मांदर की थाप पर अपने क्षेत्र में खुशहाली के साथ उत्सव करेंगे, उस दिन आदिवासी महोत्सव बनाने का अर्थ होगा.

सम्मान पूर्वक आमंत्रण नहीं आने से बीजेपी नेता नाराज 

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि जिन राज्यों में वनवासी और आदिवासी नहीं है. उन राज्यों में इनके मंत्री और विधायक वहां की टीम को आदिवासी महोत्सव के लिए आमंत्रित करने जा रहे हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ के ही जनप्रतिनिधि, विधायक और सांसदों को सम्मान पूर्वक आमंत्रित नहीं किया जा रहा है. लगता है कि यह खाली एक पब्लिक सिटी का उत्सव है. यह उत्सव कांग्रेस के नेताओं को आदिवासियों को मंच पर नचाने का उत्सव है. यह वनवासियों का सम्मान और उनकी संस्कृति की रक्षा का उत्सव नहीं है.

read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus