BJP के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. याचिका दायर कर उनके खिलाफ चल रही सभी आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की मांग की है. भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का भी आरोप है.
अपनी याचिका में बृजभूषण शरण सिंह ने यह भी मांग की है कि दिल्ली की निचली अदालत द्वारा उनके खिलाफ तय किए गए आरोपों को भी खारिज किया जाए. याचिका पर गुरुवार को न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की अदालत में सुनवाई होनी है.
जून 2023 में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए जाने के 1 साल बाद जुलाई में मामले की सुनवाई शुरू हुई थी. उनके द्वारा खुद को निर्दोष बताने के बाद निचली अदालत ने इस साल मई में उनके खिलाफ IPC की धारा 354 और 354ए (यौन उत्पीड़न) के तहत आरोप तय किए थे.
उनके खिलाफ 6 महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न, मारपीट और पीछा करने के लिए 1,500 पन्नों की चार्जशीट में 4 राज्यों के कम से कम 22 गवाहों के बयान शामिल थे. इनमें पहलवान, एक रेफरी, एक कोच और एक फिजियोथेरेपिस्ट शामिल थे.
दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के निलंबन को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब देने के लिए केंद्र को बुधवार को 4 सप्ताह का समय दिया. केंद्र ने निर्णय लेने में स्वयं के संविधान का पालन न करने पर नए पदाधिकारी चुने जाने के 3 दिन बाद 24 दिसंबर 2023 को WFI निलंबित कर दिया था.
केंद्र ने कहा कि वह पिछले साल महासंघ में हुए चुनाव को चुनौती देने वाले कुछ पहलवानों की याचिका पर हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहा है. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि केंद्र को अदालत के पहले के निर्देशों की परवाह नहीं है.
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