कृष्ण भगवान का विवाह भले ही रूखमणी से हुआ था पर कृष्ण के साथ नाम हमेशा राधा का ही लिया जाता है. वैसे ही मंदिरों में हमेशा कृष्ण के साथ राधा की मूर्ति ही विराजमान रहती है. राजस्थान के भरतपुर जिले के सेवर स्थित बृजेंद्र बिहारी मंदिर में भगवान श्री कृष्ण के साथ उनकी पत्नी रुखमणी और राधा जी दोनो एक साथ विराजमान हैं.

देश में बहुत कम ऐसे मंदिर हैं, जहां एक साथ तीनों की प्रतिमाएं देखने को मिलती है और राजस्थान में एक मात्र मंदिर में इसकी गिनती की जाती है. बृजेंद्र बिहारी मंदिर आस्था का केंद्र होने के कारण दर्शन के लिए दूर दराज से श्रद्धालु आते है और अपनी मनोकामना पूरी होने की मन्नते मांगते हैं. बृजेंद्र बिहारी मंदिर का निर्माण सवा लाख साल पहले भरतपुर के राज परिवार ने करवाया था. Read More – CG में विदेश से लाया दुल्हनिया : युवक ने फिलीपींस की लड़की से रचाई शादी, एक ही कंपनी में काम करते हुआ था प्यार …

रुखमणी और राधा के बीच में विराजमान है कृष्ण भगवान

बृजेंद्र बिहारी मंदिर के गर्भगृह में भगवान कृष्ण बीच में है और उनके अगल बगल में राधा और रुखमणी विराजमान है. देश में अधिकतर मंदिरों में भगवान कृष्ण के साथ राधा या रुखमणी में से एक विराजमान मिलेगी लेकिन इस मंदिर में ऐसा नहीं है. Read More – देश की पहली इलेक्ट्रिक कार पेश, जानें एक किलोमीटर पर कितना खर्च आएगा …

काले रंग के कृष्णा और संगमरमर की राधा, रूखमणी

इस मंदिर में विराजमान श्री कृष्ण काले रंग के है, जबकि राधा और रुखमणी की मूर्ती संगमरमर के पत्थर से बानी है,जो देखने में बहुत आकर्षक लगती है. वही मंदिर बंसी पहाड़पुर के बादामी रंग के बलुआ पत्थर से बना है. इस मंदिर की मूर्तिकला और वास्तुकला देखते ही बनती है. मंदिर ऊपर से नीचे तक नक्काशीदार, फूलों के पैटर्न से सजा हुआ है जो बहुत ही ज्यादा आकर्षक है. इस मंदिर का निर्माण महाराजा जसवंत सिंह द्वारा 131 साल पहले करवाया था. उस समय से मंदिर की देखभाल से लेकर पूजा पाठ का कार्य गुसाइयो द्वारा किया जाता है.