रायपुर। बूढ़ातालाब से 20 किलोमीटर दूर धरना स्थल को परिवर्तित करने का आदेश जारी किया गया है. इसे लेकर अब प्रदेश में सियासत शुरू हो गई है. इसे लेकर अब पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि यह लोकतंत्र के विरुद्ध है, तानाशाहीपूर्ण है, यह आपातकाल की याद दिलाता है.
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार का विरोध करने वालों को दूर कर रही है. बूढ़ातालाब में अगर बंद सड़क चालू कर दिया जाए तो समस्या का समाधान हो सकता है. धरना स्थल यदि बदलना ही है, तो शहर के किसी दूसरे हिस्से में बनाना चाहिए. बीजेपी इस फैसले का विरोध करती है. इसके अलावा धरना प्रदर्शन को लेकर 19 बिंदुओं का जो आदेश सरकार ने जारी किया है, उसके विरोध में छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में बीजेपी आंदोलन करेगी.
चेहरे के बगैर चुनाव लड़े जाने के प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के बयान पर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि संगठन के कामकाज की समीक्षा चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी लगातार होती रहती है. प्रदेश प्रभारी समीक्षा करते हैं. प्रभारियों का यह काम ही है कि संगठन नेताओं से काम करवाएं.
संगठन में कसावट लाने के लिए स्वाभाविक है. राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश हो या फिर प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी और सह प्रभारी नितिन नबीन, सब मिलकर संगठन को चाक चौबंद करने में जुटे हैं. जिन राज्यों में मुख्यमंत्री होता है, वहां मुख्यमंत्री ही चेहरा होता है, लेकिन जहां मुख्यमंत्री नहीं है, उन राज्यों में संगठन मिलकर चुनाव लड़ता है. बीजेपी का कमल निशान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे के बूते हम चुनाव लड़ेंगे. यही बात प्रभारी कह रहे हैं. कांग्रेस सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. सरकार को उखाड़ फेकना है.
इसके साथ ही कोल संकट पर उठे सवालों पर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार को आबंटित खदान से ही यदि सप्लाई बेहतर होगी, तो कहीं किसी तरह का संकट नहीं होगा. छत्तीसगढ़ में माइनिंग खदानों को सरकार ने अपने लोगों को उपकृत करने के लिए दे दिया है.
आरीडोंगरी में आयरन ओर की खदान आबंटन के दौरान किसी को भी टेंडर भरने नहीं दिया गया. सस्ते में खदान बेच दिया गया. आरीडोंगरी के आयरन ओर का लोहा बाजार में रेट दस हजार रूपए है, उसे महज दो हजार रूप में बेच दिया गया. किसी को भी टेंडर फार्म तक लेने नहीं दिया गया. जिन लोगों ने चेक ड्राफ्ट बनाए थे, उन्हें जमा करने नहीं दिया गया. मैंने खुद अधिकारियों से बात की थी, मुझे कहा गया कि आप सब जानते हैं, कुछ बताने की जरूरत नहीं है.
राम पर छिड़ी सियासत पर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रभु राम मर्यादा पुरुषोत्तम है. वह शबरी के राम है, आदिवासियों के राम हैं, भील के राम है, पूरे हिंदुस्तान के राम है. कांग्रेस राम के अस्तित्व को नकारती रही. रामेश्वरम में बने सेतु को राम ने बनवाया है, इसके प्रमाण पूछती रही.
अयोध्य़ा में राम मंदिर में जनता के सहयोग को नकारती रही. चंद्रखुरी में प्रभु राम का विकृत स्वरूप बना दिया गया. राम ने अत्याचार के खिलाफ धनुष उठाया है. राम अत्याचार के खिलाफ लड़ते रहे हैं. कांग्रेस कभी नहीं मानती. कांग्रेस ने हमेशा राम का विरोध किया है. आज उन्हें लगता है कि वोट की राजनीति नहीं चलेगी, इसलिए उनके मुंह से राम निकल रहा है.
चंद्रखुरी में 11 करोड़ रूपए मंदिर निर्माण में खर्च हुआ और इवेंट पर सात करोड़ रूपए खर्च किए गए. राम के नाम पर भी भ्रष्टाचार किया जा रहा है. कांग्रेस से जुड़ी एक नेता को इवेंट का काम दे दिया गया था. सरकार से आग्रह है कि राम के नाम से चलने वाली योजनाओं में तो कम से कम भ्रष्टाचार करना बंद करें.