रायपुर। छत्तीसगढ़ में इस साल कम मात्रा में बारिश हुई है. ऐसे में किसानों की परेशानी बढ़ती दिख रही है. खेतों में पानी की कमी के कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही है. इसी लेकर और BJP मिशन 2023 समेत कई मसले में पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भूपेश सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सरकार ने आंख और कान बंद कर लिया है. सरकार ऐशोआराम में दिख रही है. अगस्त तक अच्छी बारिश नहीं हुई, तो सूखे के हालात हो जाएंगे.
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार के पास सूखे को लेकर कोई योजना नहीं है, ना नीति नज़र आ रही है और ना ही नियत. किसानों को सरकार ने उनके हाल पर छोड़ दिया है. खेतों में पंप भी शाम पांच बजे के बाद बंद हो जा रहे हैं. किसानों को बिजली नहीं मिल रही. किसानों का भविष्य अंधकारमय दिख रहा है.
चिंतन शिविर पर ये बोले बृजमोहन अग्रवाल
जगदलपुर में बीजेपी चिंतन शिविर करने जा रही है. 1-2 सितम्बर को चिंतन शिविर का आयाजन किया जाएगा. इसमें बीजेपी मिशन 2023 की रणनीति तैयार करेगी. इस पर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश के अहम मुद्दों के साथ-साथ संगठन पर चर्चा होगी. आगामी चुनाव को लेकर रणनीति बनेगी. ये सतत प्रक्रिया है.
‘नए ज़िलों के गठन से नुकसान ज्यादा’
इस दौरान बृजमोहन अग्रवाल ने नए ज़िलों के गठन पर कहा फ़ायदा कम- नुकसान ज़्यादा है. नए जिलों के गठन से फ़ायदा कम नुक़सान ज़्यादा है. हमने भी आठ नए ज़िले बनाए थे. इससे फ़ायदा कम नुकसान ज़्यादा हो गया. नए ज़िलों के गठन से असंतोष की स्थिति है. सरकार की आर्थिक स्थिति देखकर ऐसा नहीं लगता कि सरकार अंधोसंरचना भी डेवलप कर पाएगी.
‘ओबीसी वर्ग को सिर्फ़ झुनझुना पकड़ाया’
वहीं बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि देशभर में सबसे ज़्यादा आबादी ओबीसी वर्ग से है. केंद्र ने नया क़ानून बनाकर राज्यों को कई अधिकार दिए हैं. भूपेश सरकार की ओर से ओबीसी वर्ग को सिर्फ़ झुनझुना पकड़ाया जा रहा है. बीजेपी को चेहरे की ज़रूरत नहीं. बीजेपी में हर कार्यकर्ता इस लायक़ है कि वह चेहरा बन सकता है.
‘हिंदी मीडियम स्कूल बंद किये जा रहे’
पूर्व स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि ये भयावह स्थिति है. छत्तीसगढ़ में 150 से ज़्यादा स्वामी आत्मानंद स्कूल खोले जा रहे हैं लेकिन हिंदी मीडियम स्कूल बंद किये जा रहे हैं. हिंदी मीडियम के बच्चों को निकाला जा रहा है. मातृभाषा में पढ़ने वाले बच्चों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. हिंदी माध्यम के बच्चों के साथ दोगला व्यवहार किया जा रहा है.
सरकार को इन बच्चों के भविष्य की कोई चिंता नहीं है. सरकार की स्पष्ट नीति सामने आनी चाहिए. जिस तरह अंग्रेज़ी माध्यम के स्कूल को फ़ाइव स्टार बनाया जा रहा है, उसी तरह हिंदी मीडियम स्कूल को भी तैयार किया जाना चाहिए. इस मामले पर मैं मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव को पत्र लिखूंगा. ज़रूरत पड़ी तो सड़क पर आंदोलन भी किया जाएगा.
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