रायपुर। भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल के जल जीवन मिशन पर सवाल पर सरकार घिर गई. प्रदेश भर के गांवों में नल कनेक्शन लगाए जाने के सवाल पर सरकार ने लिखित जवाब में बताया कि 50.10 लाख घरों में नल कनेक्शन दिया जाना था, लेकिन अभी तक सिर्फ 24.20 लाख नल कनेक्शन दिया गया है. इसके साथ स्वीकार किया कि वर्ष 2023 में 19,278 ग्रामों में कार्य पूर्ण किया जाना था, लेकिन अभी तक मात्र 1,670 गांव में शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ है.

भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने लोक स्वास्थ्य मंत्री से जानना चाहा कि प्रदेश के कितने जिलों में कितने नल कनेक्शन कितने घर में दिए जाने थे? 22 जून 2023 की स्थिति में कितने घरों में नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं? कितने प्रतिशत गांव में कार्य पूर्ण हो जाना था व कितने गांव में कार्य पूर्ण हो गए हैं? कितने गांव में पाइपलाइन बिछा दी गई है और कितने गांव में पानी देना प्रारंभ हो गए हैं?

इसके अलावा अभी कितने गांव में पानी देना प्रारंभ नहीं हुआ है? कितने ऐसे गांव हैं जहां घरों में स्टैंड लगा हुआ है और पाइप लाइन बिछाए जाने के काम अभी प्रारंभ नहीं हुआ है? ऐसे कितने गांव हैं जहां पानी टंकी बनाई जा चुकी है और पाइप लाइन नहीं बिछाई गई है? प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में से कितने परिवारों को कनेक्शन दिया जाना था व अब तक कितने प्रमुख बने कनेक्शन दिए गए हैं? कितने कितने घरों में पानी दिया जाना चालू हो गया है? बताएं.

पीएचई मंत्री ने जानकारी दी है कि प्रदेश में 50.10 लाख ग्रामीण परिवारों के घरों में नल कनेक्शन दिए जाने हैं . 22 जून 2023 की स्थिति में मात्र 24.20 लाख ग्रामीण परिवारों के घरों में नल कनेक्शन दिए गए हैं. जल जीवन मिशन की वार्षिक कार्य योजना 2023 के तहत 19,278 ग्रामों में कार्य पूर्ण किया जाना लक्षित है उनके विरुद्ध मात्र 1,670 गांव में ही शत प्रतिशत काम हो पाया है. 1,0194 गांव में पाइप लाइन बिछाई गई है जिसमें मात्र 6,627 गांव में ही पानी देना प्रारंभ हो गया है. अभी भी जिन गांव में पाइप लाइन बिछाई गई है उसमें 3,567 गांव में पानी देना प्रारंभ नहीं हुआ है. प्रदेश में 445 गांव ऐसे हैं जहां पर घरों में नल का स्टैंड लगा दिया गया है पर उस गांव में पाइप लाइन बिछाने का काम अभी तक प्रारंभ नहीं हुआ है.

मंत्री ने बताया कि 22 गांव ऐसे भी हैं, जहां पानी की टंकी बनाई जा चुकी है पर पाइप लाइन हो नहीं बिछाई गई है. यही नहीं प्रदेश के अनुसूचित घोषित क्षेत्रों में से 25 लाख 65 हजार परिवारों को कनेक्शन दिया जाना है, लेकिन अभी तक 10 लाख 69 हजार परिवारों को ही कनेक्शन दिया गया है, उसमें भी मात्र 6 लाख 67 हजार कनेक्शन में ही पानी चालू हुआ है.

अग्रवाल ने कहा है कि प्रदेश सरकार नल जल योजना के नाम पर व्यापक भ्रष्टाचार में लगी हुई है. बार-बार टेंडर निरस्त करना और भ्रष्टाचार की बोली बढ़ाना इस सरकार का चेहरा बन गए हैं. हर गरीब को हर घर को नल से पानी मिले या केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना है, जिससे गरीब लोगों को भी उनके घरों में नल का जल उपलब्ध हो पर छत्तीसगढ़ सरकार गरीबों के इस योजना पर भी डाका डालने से नहीं चूक रही है. सिर्फ आदिवासी क्षेत्र की बात करें तो पिछले साढ़े 4 सालों में सरकार 50% भी आदिवासी परिवारों के बीच नल से पानी नहीं पहुंचा पाई है.

उन्होंने कहा कि इससे और दुर्भाग्य की स्थिति क्या हो सकती है कि जिन गांव में पाइप लाइन बिछाए गए हैं, वहां पानी नहीं दिया जा रहा है. घरों में स्टैंड लगा दिया है व उस गांव में पाइपलाइन ही नहीं पूछा है, और जहां पानी टंकी बना दिया गया है, उन गांव में ही पाइपलाइन नहीं बिछी है. यह कारनामा तो प्रदेश में सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस सरकार ही कर सकती है.