
रिपोर्ट- सुशील सलाम, कांकेर। ग्रामीणों के पलायन को रोकने के लिए यूपीए सरकार द्वारा मनरेगा चालू की गई। लेकिन कभी अधिकारियों की लापरवाही तो कभी भ्रष्टाचार ने इस योजना को पलीता लगाने का काम किया।
ऐसा ही एक मामला कांकेर के कोयलीबेड़ा स्थित द्वारिकापुर ग्राम पंचायत का सामने आया है। जहां महात्मागांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत पंचायत द्वारा शौचालय व सड़क का निर्माण कराया गया। लेकिन निर्माण होने के 1 साल बाद भी मजदूरों को मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ।

दरअसल मनरेगा का पैसा पोस्ट ऑफिस में मजदूरों के खाते में सरकार जमा करती है, जिससे कि ग्रामीण मजदूर को अपना पूरा पैसा मिल सके। ग्रामीणों का आरोप है कि छोटा कापसी के पोस्टमास्टर एम आर साहू द्वारा मजदूरों से भुगतान के नाम पर कमीशन की मांग की गई। जिसे देने से उन्होंने इंकार कर दिया जिसकी वजह से पोस्टमास्टर ने उनसे दुर्व्यवहार करते हुए, उनका पैसा उन्हें ही देने से इंकार कर दिया।
जिसकी वजह से नाराज ग्रामीणों ने शनिवार को पोस्ट ऑफिस का घेराव कर दिया। प्रदर्शन करने वालों में महिलाएं भी बड़ी संख्या में मौजूद थीं। गुस्साए मजदूर वहीं धरने पर बैठ गए और पोस्ट मास्टर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी मजदूरों का आरोप है कि पोस्ट मास्टर उनसे भुगतान के एवज में 7 प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहा है।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मजदूरी का भुगतान नहीं किया तो वे लोग आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम उठाने के लिए मजबूर हो जाएंगे, जिसका जिम्मेदार पोस्टमास्टर व अधिकारी ही होंगे। इधर पोस्टमास्टर ने आरोपों से इंकार किया है, पोस्ट मास्टर का कहना है कि एसडीओ के माध्यम से पैसा वितरण होता है लेकिन कुछ दिनों से पैसा नहीं आ रहा है जिसकी वजह से भुगतान नहीं हो पा रहा है।