हमीरपुर. यूपी के हमीरपुर में दो युवकों के अपहरण के बाद उनकी नृशंसता से हत्या कर दी गई है. दोनो की लाशें 4 दिन बाद एक कुएं से बरामद की गई है. दोनों युवक एक एनजीओ के लिए काम करते थे और इसी काम के सिलसिले में हमीरपुर आए थे. कानपुर वैष्णवी बिहार जरौली फेस-2 निवासी प्रिया शर्मा को 13 मार्च से अपने भाई और बेटे की तलाश थी. 12 मार्च को दोनो (मयंक-19 साल, विपुल-17 साल) मोटरसाइकिल से हमीरपुर जाने के लिए निकले थे. हमीरपुर पहुंचकर उन्होने फोन करके परिजनों को बताया था कि वह पत्यौरा के संतराम के घर पहुंच गए है.

पत्यौरा का संतराम ही वह शख्स था जिसने दोनों युवकों को फोन करके हमीरपुर बुलाया था. फोन कॉल के बाद दोनो के फोन स्विच ऑफ हो गए. जब दोनों को कोई पता नहीं चला तो प्रिया शर्मा हमीरपुर पहुंची और दोनो की तलाश की. असफल रहने पर वह पुलिस के पास पहुंची थी. प्रिया शर्मा को किसी अनहोनी की आशंका थी, लेकिन पुलिस उन्हें लगातार टरकाए जा रही थी. किसी तरह गुमशुदगी दर्ज हुई और पुलिस ने इस मामले में पूछताछ शुरू की. 3 दिन बाद सुराग मिलने पर पुलिस ने मंयक और विपुल की लाशें गांव के एक कुएं से बरामद की है.

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एसपी कमलेश दीक्षित ने बताया कि प्रिया शर्मा की तहरीर के आधार पर केस दर्ज किया गया था. ग्रामीणों ने सूचना दी थी कि कुएं के पास एक मोटरसाइकिल मिली है और कुएं में लाशें पड़ी हुई है. यह मोटरसाइकिल मयंक की थी. लाशें कुएं से निकलवाई गयी तो गायब हुए युवकों की निकली. अंतिम लोकेशन के आधार पर पुलिस ने संतराम से जब कड़ाई से पूछताछ की तो पता चला कि दोनो की हत्या कर दी गई है. इस हत्याकांड में संतराम, उसका पिता शंकरी निषाद और मामा रामस्वरूप को हिरासत में लिया गया है. संतराम के पिता का आपराधिक इतिहास है. वह दस्यु सरगना भाऊ सिंह समेत कई बड़े डकैतों के गैंग का सक्रिय बदमाश रहा है. वारदात के पीछे कई लाख के लेनदेन का विवाद है.