नई दिल्ली। भारत का सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) 23 अक्टूबर को यहां राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर एक दिवसीय भव्य समारोह का आयोजन कर कर्तव्य के दौरान अपने वीरों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान को याद करेगा. बल के अधिकारियों के अनुसार, सुबह के सत्र में बीएसएफ कर्मियों के अधिकारी और परिवार शहीदों के परिवारों के साथ राष्ट्रीय पुलिस स्मारक (एनपीएम) में श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे और उसके बाद परिजनों को सम्मानित करेंगे.

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शाम के सत्र में कार्यक्रम स्थल पर भव्य शहीद सम्मान परेड का आयोजन किया जाएगा और इस अवसर पर गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा मुख्य अतिथि होंगे. उस दिन स्मारक पर माल्यार्पण करने के बाद वह अखिल महिला ‘मशाल’ मोटरसाइकिल रैली को हरी झंडी दिखाएंगे, जो सीजीओ कॉम्प्लेक्स, नई दिल्ली में समाप्त होने से पहले राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, इंडिया गेट, लाल किला और राजघाट से होते हुए दिल्ली के कुछ प्रतिष्ठित स्थलों से होकर गुजरेगी.

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1971 के बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में बीएसएफ की शानदार भूमिका के साथ-साथ विभिन्न ऑपरेशनों की याद में एक भव्य बैंड प्रदर्शन और राष्ट्र के लिए बीएसएफ कर्मियों की वीरता और सेवाओं को प्रदर्शित करने वाले एक ऑडियो विजुअल शो के बाद बल के युद्ध के दिग्गजों और वीरता पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा. 1 दिसंबर 1965 को स्थापित बीएसएफ ने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

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इस तरह की कई परिचालन गतिविधियों में पश्चिमी और पूर्वी सीमाओं, पंजाब उग्रवाद, जम्मू-कश्मीर, उत्तर-पूर्व और वामपंथी चरमपंथी थिएटरों में तैनात रहते हुए 1971 का बांग्लादेश मुक्ति युद्ध शामिल है. दिसंबर 1965 में हमारी मातृभूमि की स्थापना के बाद से अब तक कुल 1,927 कर्मियों ने अपनी मातृभूमि की संप्रभुता और अखंडता को बनाए रखने के अपने पवित्र कर्तव्य का पालन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है.