सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। भारत संचार निगम लिमिटेड में स्वैच्छिक सेवानिवृति का कर्मचारियों ने खंडन किया है. उन्होंने दबावपूर्ण वीआरएस लिए जाने का आरोप लगाया है. छत्तीसगढ़ में 588 अधिकारी-कर्मचारियों (47 प्रतिशत) की नौकरी वीआरएस के नाम पर गई है.

बीएसएनएल छत्तीसगढ़ परिमंडल मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय में शुक्रवार को कार्यक्रम आयोजित कर वीआरएस लेने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को शॉल और शील्ड भेंटकर कर विदाई दी गई. कार्यक्रम में शामिल कर्मचारी वीआरएस को लेकर गुस्से में नजर आए. उन्होंने बताया कि दो महीने से किसी भी कर्मचारी को तनख्वाह नहीं मिली है. उन्होंने डर की वजह से नौकरी छोड़ने की बात कही.

वीआरएस ले चुके लक्ष्मण मैथिल ने बताया कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का पोस्टर लगाकर कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है, मैं अभी नौकरी करना चाह रहा था, लेकिन दबाव डालकर मेरी नौकरी छीन ली गई है. उन्होंने बताया कि दो माह का वेतन कर्मचारियों को नहीं मिला है, पूरा जीवन हमने कंपनी के लिए लगा दिया, लेकिन स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के नाम पर नौकरी छीन ली गई.

जनसंपर्क अधिकारी के पद पर कार्यरत सुप्रभात दास ने बताया कि मैंने भी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली है. सरकार के स्कीम के अनुसार 50 साल से साठ साल के बीच के कर्मचारी अधिकारी ऐच्छिक सेवानिवृत्ति ले सकते हैं. आज तारीख की तनख़्वाह मेरी नौकरी अवधि समाप्ति तक का एट्टी फाइव प्रतीक्षा और 15 प्रतिशत पेंशन दिया जाएगा.

वहीं अन्य कर्मचारियों ने कहा कि पिछले दो माह से सैलरी नहीं मिली है, और ये जो स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली है इसके बाद जो राशि दी जानी है वो कब तक देंगे इसका भी पता नहीं है. हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि दो से तीन किश्तों में दे दिया जाएगा, लेकिन कब तक यह नहीं बताया गया है.