चंद्रकांत देवांगन, दुर्ग. प्रदेश के दुर्ग जिले में स्थित भिलाई इस्पात संयंत्र में 9 अक्टूबर को प्रबंधन की लापरवाही के कारण 13 लोगों की अकारण मौत हो गई. इसके साथ 11 कर्मचारी अभी भी जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहे है. भिलाई इस्पात संयंत्र में हुए हादशे की जांच करने पर अधिकारियों ने रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए प्रबंधन के 4 लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज थाने में दर्ज करा दिया गया. 04 प्रमुख अधिकारियों में पुलिस ने बीएसपी के ED वर्कर्स पीके दास,  महाप्रबंधक कोको ओवन जीएसवी सुब्रमनियम, महाप्रबंधक सुरक्षा टी पड्या राजा,  उपमहाप्रबंधक उर्जा नवीन कुमार व अन्य के खिलाफ थाना भिलाई भट्टी में धारा 285, 304A , 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया है. इस मामले में केंद्रीय इस्पात मंत्री ने पहले ही GM सेफ्टी टी पंड्या राजा और DGM एनर्जी नवीन कुमार को किया था सस्पेंड. गौरतलब है कि मामले में कलेक्टर ने भी जाँच समिति बनाई है वही केंद्रीय इस्पात मंत्री वीरेंद्र चौधरी  के आदेश के बाद केंद्रीय सचिव के निर्देश में बनी जांच समिति के अलावा सेल के तकनीकी जानकर भी मामले की जाँच कर रहे है जो जल्द ही अपनी अपनी रिपोर्ट सौपेंगे.

 

इस कारण हुआ था हादसा

भिलाई इस्पात संयंत्र के कैंपस कोक ओवन पाइपलाइन के कॉलम नंबर- 50 पर स्थित पाइप लाइन में चेंज ज्वाइंट की ब्रेकिंग की जा रही थी. जिसके लिए भिलाई इस्पात संयंत्र के इस कार्य से संबंधित अधिकारियों की पूर्व में एक मीटिंग कर कार्य योजना तैयार की गई थी. लेकिन के दौरान भविष्य में होने वाले खतरों का आंकलन सही ढंग से नहीं किया गया. जिसके कारण मौके पर कार्यरत फायर ब्रिगेड इन तथा एनर्जी विभाग के कर्मचारी गंभीर रूप से झुलस गए तथा मौके पर ही 9 कर्मचारियों मृत्यु हो गई. हादसा इतना गंभीर और दिल दहला देने वाला था कि मौके पर जिन कर्मचारियों की मृत्यु हुई उनकी पहचान करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. उनकी पहचान के लिए  डीएनए परीक्षण के लिए फॉरेंसिंग फॉरेंसिक विभाग के एक्सपर्ट को बुलाकर त्वरित कार्रवाई कराई गई उक्त घटना की प्राथमिक जांच की गई.