अनिल मालवीय, सीहोर। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन सौंपा है। जिसमें उन्होंने कांवड़ यात्रा में हुई श्रद्धालुओं की मौत पर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के आयोजन समिति के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए है। साथ ही मृतकों के परिवार को न्याय दिलाने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
बहुजन समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष संजीव बौद्ध के नेतृत्व में शुक्रवार पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रोरेट कार्यालय पहुंच ज्ञापन सौंपा। जोन प्रभारी कमलेश दोहरे ने ज्ञापन का वाचन करते हुए बताया कि सीहोर में कुबेरेश्वर धाम में कथावाचक प्रदीप मिश्रा द्वारा पिछले तीन-चार वर्षों से कभी रुद्राक्ष वितरण तो कभी अभिषेक तो कभी कांवड़ तो कभी कथा के नाम पर आयोजन कर पूरे देशभर से लोगों को आमंत्रित किया जाता है। प्रदीप मिश्रा कथा के दौरान कई टोने-टोटके बताते हैं। जिससे बीमार, दु:खी, आर्थिक तंगी, बेरोजगारी से परेशान लोग यह सोचकर यहां आते हैं कि हमारे दुख दूर हो जाएंगे, लेकिन यहां आने के बाद कई लोग दोबारा जीवित नहीं पहुंच पाते और कई धक्के खाकर परेशान होकर वापस लौट जाते हैं।
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कांवड़ यात्रा में प्रतियोगिता के लिए आमंत्रित किए डीजे
कमलेश दोहरे ने कहा कि पहले भी कई मौते हो चुकी है। इसी क्रम में 5 अगस्त को रूद्राक्ष वितरण के दौरान मची भगदड़ में दो महिलाओं की मौत और कई लोग घायल हुए। इतनी दुखद घटना के बाद भी 6 अगस्त को कथावाचक प्रदीप मिश्रा द्वारा देशभर के भारी डेसिबल के डीजे कांवड़ यात्रा में प्रतियोगिता के लिए आमंत्रित किए। जिसमें 300 से 400 डेसिबल के डीजे थे। जबकि माननीय न्यायालय के आदेश है कि 75 डेसिबल से अधिक के साउंड प्रतिबंधित है।
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प्रदीप मिश्रा और समिति पर मामला दर्ज करने की मांग
इसके बावजूद भी कानून का उलंघन करते हुए कथावाचक प्रदीप मिश्रा द्वारा ऐसे गैर कानूनी काम को अंजाम दिया गया। जिसके परिणाम स्वरूप 5-6 लोगों की और मौत हो गई। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की मौत के जिम्मेदार कथावाचक और आयोजन समिति है। केवल डीजे संचालकों पर कार्रवाई करना पर्याप्त नहीं है। डीजे संचालकों को बुलाएं जाने वाले कथावाचक प्रदीप मिश्रा और समिति भी उक्त कार्य के लिए जिम्मेदार है। प्रदीप मिश्रा और समिति पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करना बेहद आवश्यक है।
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कुबेरेश्वर धाम में सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने पर लगे रोक
ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया गया है कि कथावाचक प्रदीप मिश्रा भारतीय संविधान को बदलने और हिन्दुओं के भगवान राधा कृष्ण, कायस्थ समाज के आराध्य देव चित्रगुप्त भगवान, महिलाओं और साम्प्रदायिक बयान दे चुके है और इनके द्वारा कार्यक्रम आयोजन की तैयारी में जिला प्रशासन पूरे समय लगा रहता है, जिसमें शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाई जाती है, स्कूल बंद किए जाते हैं, डाक्टरों की भी ड्यूटी और पुलिस प्रशासन भी लगा रहता है। जिले के लोग अपनी समस्या लेकर जब तहसील, थाना, अस्पताल और अन्य कार्यालयों में जातें हैं तो जवाब मिलता है कि सभी की ड्यूटी कुबेरेश्वर धाम में लगी है, जिससे जन हित से जुड़े काम प्रभावित होते हैं। वहीं बसपा ने शासकीय अधिकारियों कर्मचारियों की ड्यूटी लगाना बंद करने की मांग की है। साथ ही मृतकों के परिवार को न्याय और दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग भी की है।
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