Mayawati fires on nephew Akash Anand: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (BSP National President Mayawati)ने भतीजे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी बनाने का फैसला वापस ले लिया है। साथ ही उन्होंने आकाश आनंद को BSP के अहम पदों से भी हटा दिया है। बसपा सुप्रीमो ने उन्हें पिछले साल दिसंबर में अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। लोकसभा चुनाव के बीच मंगलवार को मायावती ने अपना फैसला वापस ले लिया। उन्होंने इसकी जानकारी सोशल मीडिया के जरिए दी है। उन्होंने कहा कि पूर्ण परिपक्वता आने तक आकाश आनंद को दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग रखा जाएगा। मायावती ने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर एक के बाद एक कुल तीन पोस्ट कर अपने फैसले की जानकारी दी। मायावती जब भी फैसला लेती हैं हमेशा चौंकाने वाला ही होता है। आइए जानते हैं- एेसा क्या कारण रहा कि आकाश को अपना पध गंवाना पड़ा और यह कार्रवाई करके मायावती क्या संदेश देना चाहती है।
बीजेपी पर विवादित दिया बयान
आकाश पर कार्रवाई के पीछे सबसे बड़ा और पहला कारण बीजेपी सरकार पर विवादित बयान देना रहा। यह जगजाहिर है कि मायावती ने आजतक कभी भी बीजेपी का खुलकर विरोध नहीं किया है। राज्य की योगी सरकार हो या केंदऱ की मोदी सरकार। वहीं मायावती के नक्शेकदम से हटकर आकाश आनंद लगातार बीजेपी सरकार पर निशान साध रहे थे। कुछ दिनों पहले उन्होंने सीतापुर में बीजेपी सरकार को ‘आतंक की सरकार’ करार दिया था। इसके बाद उन पर एफआईआर भी दर्ज हो गई थी। इसके अलावा दो-तीन जगहों पर बयान देते वक्त वह इतने जोश में आ गए कि उनके मुंह से गाली जैसे शब्द निकल पड़े। आवेश में दिए उनके बयानों की भी काफी आलोचना हो रही थी जिसमें ‘जूते मारने का मन करता है’ जैसे बयान शामिल हैं।
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मायावती की पॉलिटिक्स में फिट नहीं होना
वहीं जिस तरह की राजनीति मायावती करती रही हैं और जिस तरह के बयान वह देती आई हैं उसमें आकाश आनंद की यह भाषा-शैली ‘मिसफिट’ हो रही थी। माना यह भी जा रहा है कि पार्टी के भीतर एक बड़ा धड़ा आकाश आनंद के इन बयानों से नाराज था।
कीचड़ उछाल की राजनीति से मायावती को परहेज
सपा सुप्रीमो ने करीब पांच माह पहले ही 10 दिसंबर 2023 को भतीजे आकाश आनंद को मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। इसके साथ ही उन्होंने पदाधिकारियों को संदेश दिया था कि आकाश के सहारे वह बसपा को आगे बढ़ाएंगी। अब मायावती ने आकाश आनंद को राजनीतिक रूप से अपरिपक्व करार देकर राजनीतिक संदेश दिया है कि वह कीचड़ उछाल की राजनीति नहीं करती हैं।
भाई पर भी कर चुकी है कार्रवाई
मायावती ने लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान भी इसी प्रकार के एक्शन से हर किसी को चौंका दिया था। लोकसभा चुनाव के दौरान मायावती पर भाई-भतीजावाद का आरोप लगाया गया था। इसके बाद मायावती ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से भाई आनंद कुमार को हटा दिया था। हालांकि, चुनाव समाप्त होने के बाद एक बार फिर उन्होंने आनंद कुमार को इस पद पर बहाल कर दिया था। मायावती ने आकाश आनंद पर कार्रवाई कर एक संदेश देने का प्रयास किया है कि उनके लिए परिवार नहीं पार्टी और बहुजन आंदोलन सबसे जरूरी है।
सोशल मीडिया पर हटाने की घोषणा
मायावती ने उन्होंने पहले पोस्ट में लिखा कि- विदित है कि बीएसपी एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान तथा सामाजिक परिवर्तन का भी मूवमेन्ट है जिसके लिए मान्य. श्री कांशीराम जी व मैंने खुद भी अपनी पूरी ज़िन्दगी समर्पित की है और इसे गति देने के लिए नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा रहा है।
अपने दूसरे पोस्ट में मायावती ने लिखा कि- इसी क्रम में पार्टी में, अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही, श्री आकाश आनन्द को नेशनल कोओर्डिनेटर व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, किन्तु पार्टी व मूवमेन्ट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता (maturity) आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है।
अपने तीसरे पोष्ट में उन्होंने लिखा कि- जबकि इनके पिता आनन्द कुमार पार्टी व मूवमेन्ट में अपनी जिम्मेदारी पहले की तरह ही निभाते रहेेंगेे। अतः बीएसपी का नेतृत्व पार्टी व मूवमेन्ट के हित में एवं बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के कारवाँ को आगे बढ़ाने में हर प्रकार का त्याग व कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटने वाला है।
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