नई दिल्ली। नवरात्रि या व्रत के दौरान अक्सर लोग कुट्टू के आटे से बने पकवान बड़े शौक से खाते हैं. इसे पौष्टिक और एनर्जी देने वाला माना जाता है. कुट्टू (Buckwheat) ग्लूटेन फ्री होता है और इसमें विटामिन-बी, मैग्नीशियम, आयरन, जिंक, कॉपर, कैल्शियम और फोलेट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. यही कारण है कि इसे डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद बताया जाता है. लेकिन, अगर इसका सेवन जरूरत से ज्यादा या गलत तरीके से किया जाए तो यह सेहत को गंभीर नुकसान भी पहुंचा सकता है.

कुट्टू खाने से हो सकती हैं ये समस्याएं

डाइटरी फाइबर की अधिकता के कारण कुट्टू का आटा कुछ लोगों में पेट से जुड़ी दिक्कतें पैदा कर सकता है. इसमें गैस, पेट दर्द, अपच और पेट में भारीपन जैसी समस्याएं आम हैं. वहीं, इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) से जूझ रहे लोगों को कुट्टू से बनी चीजें खाने से बचना चाहिए, वरना मरोड़ और पाचन संबंधी परेशानी बढ़ सकती है.

कई बार अधिक मात्रा में कुट्टू का आटा खाने से फूड प्वाइजनिंग या पेट का इंफेक्शन भी हो सकता है. इसके अलावा इसमें मौजूद फॉस्फोरस किडनी पर दबाव डाल सकता है. वहीं, कुछ लोगों को त्वचा से जुड़ी एलर्जी जैसे खुजली, रैशेज और लाल चकत्ते की समस्या भी हो सकती है.

कितना और कब करें सेवन?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार कुट्टू का सेवन रोजाना करने से बचना चाहिए. उपवास के अलावा इसे महीने में 5–6 बार तक ही खाना बेहतर है. किसी भी तरह की एलर्जी या परेशानी महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

मिलावटी आटे से रहें सावधान

बाजार में कुट्टू के मिलावटी आटे की भी भरमार है. इसे खरीदते समय पैकिंग और एक्सपायरी डेट जरूर जांचें. खुला या बासी आटा खरीदने से बचें, क्योंकि यह सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है.

डिस्क्लेमर: यह खबर केवल सामान्य जानकारी के लिए है. यहां बताए गए सुझाव किसी भी तरह से डॉक्टर की सलाह या इलाज का विकल्प नहीं हैं. सेहत से जुड़ी समस्या होने पर विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें.