लखनऊ. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला और संसद के मानसून सत्र के दौरान लगातार सातवां केंद्रीय बजट पेश कर रही हैं. बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए सरकारी खजाना खोला गया है. बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने पर्सनल इनकम टैक्स को लेकर बहुत बड़ा ऐलान किया है. इसी बीच विपक्षी दलों की प्रतिक्रियाएं आनी शुरु हो गई हैं.

मायावती ने उठाए सवाल

”संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मुट्ठी भर अमीर व धन्नासेठों को छोड़कर देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों, वंचितों व उपेक्षित बहुजनों के त्रस्त जीवन से मुक्ति हेतु ’अच्छे दिन’ की उम्मीदों वाला कम बल्कि उन्हें मायूस करने वाला ज्यादा.”

उन्होंने कहा, ”देश में छाई जबरदस्त गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन तथा यहाँ के 125 करोड़ से अधिक कमजोर तबकों के उत्थान व उनके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं के प्रति इस नई सरकार में भी अपेक्षित सुधारवादी नीति व नीयत का अभाव. बजट में ऐसे प्रावधानों से क्या लोगों का जीवन खुश व खुशहाल हो पाएगा? देश का विकास व लोगों का उत्थान आँकड़ों के भूल भुलैया वाला न हो, बल्कि लोगों को त्रस्त जीवन से मुक्ति के लिए रोजगार के अवसर, जेब में खर्च के लिए पैसे/ आमदनी जैसी बुनियादी तरक्की सभी को मिलकर महसूस भी हो. रेलवे का विकास भी अति-जरूरी. सरकार बीएसपी सरकार की तरह हर हाथ को काम दे.”

अजय राय ने कहा- सरकार की पोल खुल जाएगी

बजट पर यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा, “अगर मुख्य बातें सामने आ गईं तो सरकार की पोल खुल जाएगी. सरकार गलत है और दिखावा कर रही है… इस बजट में कुछ भी नहीं है और यह केवल गुमराह करने वाला है.”

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद की प्रतिक्रिया

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने केंद्रीय बजट पर कहा, “नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू से डरा हुआ बजट है… इनका अपना विज़न कुछ नहीं है, बोलने को तो बहुत कुछ बोला जाता है अब देखना होगा कि ये अमल में कैसे लाएंगे…”

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