सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर. बजट से इस बार ऑटो मोबाइल सेक्टर को काफी उम्मीदें है. नेशनल जीडीपी का 7 प्रतिशत कॉन्ट्रिब्यूशन ऑटो मोबाइल सेक्टर के द्वारा सरकार को दी जाती है. कारोबारियों की मांग है कि डिजिटल पेमेंट की प्रक्रिया में सुधार होना चाहिए. साथ ही जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करनी चाहिए.

कारोबारियों के मुताबिक यदि जनवरी से दिसंबर तक पूरे व्यापार की बात की जाए तो गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन में सालभर में 10 फीसदी कमी आई है. जीएसटी और सेस मिलाकर 48 प्रतिशत तक टैक्स लगाया जाता है. साथ ही आरटीओ और इनश्योरेंस मिलाकर 13 प्रतिशत तक टैक्स लग जाता है. आजकल डिजिटल पेमेंट की प्रक्रिया में कारोबारियों को आरटीजीएस और नेफ्ट के भुगतान को अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे कारोबारियों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. वाहन डीलर्स पर स्वैप चार्ज लगाया जाता है, जिसे हटाए जाने की मांग कारोबारियों द्वारा की जा रही है. स्वैप चार्ज डीलर्स पर भारी पड़ रहा है और बाजार में मंदी का असर बना हुआ है.

मनीष सिंघानिया फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल सेक्टर के प्रेसिडेंट ने कहा कि नेशनल लेवल पर ऑटोमोबाइल सेक्टर काफी डीग्रोथ चल रहा है. यदि हम जनवरी से दिसंबर तक पूरा व्यापार देखें तो गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन में सालभर में 10 प्रतिशत की डीग्रोथ आई है. नेशनल जीडीपी का 7 प्रतिशत कॉन्ट्रिब्यूशन ऑटो मोबाइल सेक्टर करता है. यदि क्रेडिट और डेबिट कार्ड से पेमेंट किया जाता है तो 2 प्रतिशत का चार्ज लगता है, उसमें डीलर्स को 4 प्रतिशत का चार्ज लगता है और हम उसमें से 2 प्रतिशत दे दे तो हमारे पास क्या बचेगा. साथ ही उपयोग की गई कार में भी जीएसटी लगाया जाता है जिसे हटाना चाहिए.

अमर परवानी ऑटोमोबाइल सेक्टर के व्यापारी ने कहा कि छोटे व्यापारियों को भी 22 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में लाना चाहिए. हम क्रेडिट और डेबिट कार्ड के पेमेंट से काफी परेशान है. डिजिटल पेमेंट को लेकर शुल्क नहीं लगनी चाहिए. एक तरफ कैश पर सरचार्ज लगा रहे हैं तो दूसरी ओर डेबिट और क्रेडिट कार्ड पर चार्ज लगाया जा रहा है. साथ ही इस्तेमाल किए गए कार में टैक्स नहीं लगाना चाहिए. नई कार में जीएसटी और सेस मिलाकर देखें तो 28 से 50 प्रतिशत तक सरकार को टैक्स मिलता है, इसलिए इस्तेमाल किए गए कार को टैक्स मुफ्त करना चाहिए. ऑटोमोबाइल सेक्टर बहुत नीचे जा रहा है.

ऑटो मोबाईल सेक्टर के वाईस प्रेसिडेंट विवेक गर्ग ने कहा कि आने वाले समय में गाडियों की रेट बढ़ी है. मांग घटने की उम्मीद है. हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार जीएसटी का रेट 28 प्रतिशत से हटाकर 18 प्रतिशत कर दे, जिससे हमें और कस्टमर को बेहद लाभ मिलेगा. वहीं जो सेफ्टी वाले प्रोडक्ट है, जैसे हेलमेट उस पर से जीएसटी हटानी चाहिए. इनश्योरेंस में भी जीएसटी 18 प्रतिशत है जिसे 5 प्रतिशत तक करनी चाहिए.

कैलाश खेमानी ने बताया कि अब तो इतने नियम आ गए है कि समझना मुश्किल है डिजिटलाइजेसन की वजह से क्रेडिट या डेबिट कार्ड के माध्यम से पेमेंट किया जाता है जिससे 2 प्रतिशत का टैक्स लिया जाता है जो हम पर भारी पड़ता है 2 व्हीलर आजकल ज्यादातर लोगों की मांग है तो मुझे लगता है कि 2 व्हीलर से जीएसटी घट कर 28 से 18 प्रतिशत तक होनी चाहिए.