नई दिल्ली . दिल्ली सरकार का बजट सत्र 15 से 20 फरवरी के बीच पेश हो सकता है. 16 फरवरी को बजट पेश करने के लिए दिल्ली कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है, जिसकी फाइल उपराज्यपाल के पास भेजी गई है.

आमतौर पर दिल्ली का बजट मार्च के तीसरे या फिर चौथे हफ्ते में पेश किया जाता है लेकिन इस साल दिल्ली का बजट फरवरी के तीसरे हफ्ते में पेश किया जा रहा है. दिल्ली सरकार का कहना है कि मार्च की बजाय फरवरी में ही वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजट पेश किया जा रहा है. पिछले वित्तीय वर्ष की तरह इस बार का बजट भी भारी भरकम रहने की उम्मीद है.

बतौर वित्त मंत्री आतिशी पहली बार बजट पेश करेंगी. वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में सरकार का ध्यान शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, सड़क, इंफ्रास्ट्रक्चर और पानी पर विशेष ध्यान रहेगा. बीते वर्ष उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के जेल जान के बाद वित्त मंत्री बने कैलाश गहलोत ने दिल्ली सरकार का बजट पेश किया था. यह आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार का 10वां बजट होगा. बीते वित्तीय वर्ष में 78,800 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था, जो साफ-सुंदर और आधुनिक दिल्ली की थीम पर आधारित था.

वर्ष 2015 में दिल्ली का बजट महज 30,940 करोड़ रुपये था, लेकिन निरंतर इसमें बढ़ोतरी हो रही है. इसलिए उम्मीद की जा रही है कि इस बार भी बजट में बढ़ोतरी होगी.

तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया आगामी वित्तीय वर्ष के बजट को लेकर दिल्ली सरकार द्वारा बीते 20 दिन से तैयारी की जा रही थी. छह जनवरी को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बजट को लेकर पहली उच्चस्तरीय बैठक की थी. उस दौरान सीएम ने सभी मंत्रियों से आगामी बजट की प्राथमिकताओं पर विस्तृत चर्चा की थी. मुख्यमंत्री द्वारा सभी मंत्रियों को अपनी-अपनी प्राथमिकताएं तय करने के निर्देश दिए गए थे. इसके बाद बजट को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया.

दिल्ली सरकार के मुताबिक पूरे देश में दिल्ली इकलौता राज्य है, जहां हर साल आउटकम बजट पेश किया जाता है. आउटकम बजट के द्वारा पिछले बजट के सार्वजनिक व्यय की पूरी पारदर्शिता के साथ दिल्ली की जनता को हिसाब दिया जाता है. एक तरह से आउटकम बजट पिछले वित्तीय वर्ष में आवंटित धन के आधार पर विभिन्न विभागों के प्रदर्शन का एक रिपोर्ट कार्ड होता है. सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में 11वीं और 12वीं कक्षा के बच्चों के लिए बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम शुरू किया गया है, ताकि बच्चे पढ़ाई पूरी करने के बाद खुद का बिजनेस शुरू कर सकें. अब इस प्रोग्राम के अच्छे नतीजे आने लगे हैं. इससे उत्साहित होकर दिल्ली सरकार आंत्रप्रेन्योरशिप प्रोग्राम को कॉलेजों में भी शुरू करना चाहती है.