अभिषेक सेमर, तखतपुर. ब्लॉक मुख्यालय में सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही है. तखतपुर ब्लॉक के सकरी स्थित विनायक प्लाजा उसलापुर स्थित गोखने नाला से लगा है. यहां बिल्डर ने अपनी ऊंची पहुंच का रौब दिखाते हुए नाले को ही पाटकर जमीन को अपने कब्जे में ले लिया है. इसके चलते बारिश में नाले उफान पर आ जाता है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. टीम ने जांच में भी नाले की शासकीय जमीन पर बिल्डर का लगभग 22 डिसमिल जमीन पर अवैध कब्जा होना पाया है. फिर भी बिल्डर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
गोखने नाले का इतिहास काफी साल पुराना है और यही कारण है कि बिल्डर की इस जमीन पर कब्जा कर लेने के कारण गोखले नाले का तट काफी घट चुका है. इस वजह से यहां बारिश का पानी नाले के उपर आ जाता है. पिछले साल भी कई घटना पानी में डूबने की वजह से देखने को मिली थी, लेकिन इतनी लंबी कार्रवाई और जांच के बाद भी न जाने कौन संरक्षण देकर ऐसे बिल्डर को नाले का शासकीय जमीन पर कब्जा दिलवा रहा है. उनके हौसलों को बुलंद कर रहा है.
जांच में पाया गया 22 डिसमिल जमीन पर अवैध कब्जा
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर तीखे तल्ख में कहा था कि नदी, नाले, तालाब और कुआं को नहीं पाटे जाएंगे, लेकिन यहां खुलेआम इन आदेशों का धज्जियां उड़ाई जा रही है. एनजीटी ने भी कई बार इशारा करते हुए कई चिट्ठियां जारी की, लेकिन एनजीटी की चिट्ठी हमेशा की तरह कचरे के डिब्बे पर जा पहुंची है. वहीं हाल ही में तखतपुर की एसडीएम डॉ. ज्योति पटेल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए नायब तहसीलदार, आरआई, पटवारी की संयुक्त टीम गठित कर मौका जांच कराया. इस टीम ने जांच में नाले की शासकीय जमीन पर बिल्डर का लगभग 22 डिसमिल जमीन पर कब्जा होना पाया है.
घरो में घुस रहा नाले का पानी, जनहानि की भी संभावना
इस मामले की कई मर्तबा शिकायत भी हुई है. इसी तरह एक ताजा शिकायत सकरी के एक व्यक्ति ने की है. उन्होंने अपने शिकायत में बताया है कि गोरखा नाले पर अवैध कब्जा कर विनायक प्लाजा का निर्माण बिना टाउन एंड कंट्री प्लानिंग एवं नगर निगम से बिना नक्शा पास के अपने हक अधिकार से अधिक निर्माण कराया है. नाले को पाटकर नाला का पानी निस्तारी अवरुद्ध किया गया है. इसके आगे नाले का अत्यधिक जल भराव होने के कारण लोगों के घरों में पानी घुस रहा है. इससे आम जनता को भारी परेशानियाें का सामना करना पड़ रहा. जनहानि होने की संभावना भी बनी हुई है. बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
पिछले साल नाले में डूबा था बच्चा, फिर हादसे का इंतजार
बता दें कि पिछले वर्ष उसलापुर के गोखने नाले पर एक बच्चे की डूबने का हादसा हुआ था. इस उफनती नाले पर कितने हादसे हो चुके हैं, फिर भी कब्जाधरियों के हौसले बुलंद है. जांच में शिकायत सही पाए जाने के बाद भी रसूखदार बिल्डरों के ऊपर कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं.
नोटिस देकर जवाब मांगा गया है : एसडीएम
इस मामले में एसडीएम ज्योति पटेल ने बताया कि इस मामले में एक और नई शिकायत प्राप्त हुई है. संबंधित बिल्डर विनायक प्लाजा को नोटिस जारी कर जवाब के लिए बुलाया गया है. सभी तथ्यों की जांच परख की जा रही है. रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में सकरी तहसीलदार अश्वनी कवर से उनका पक्षा जानने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने न कॉल रिसीव किया और ना ही व्हाट्सएप मैसेज पर किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नहीं दी.
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