नितिन नामदेव, रायपुर। राजधानी रायपुर में वर्षों से चले आ रहे पारंपरिक पोरा तिहार को इस बार ऐतिहासिक रामसागर पारा में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर पूर्व विधायक विकास उपाध्याय के संरक्षण में और छत्तीसगढ़ पारंपरिक पोरा तिहार उत्सव समिति, रामसागर पारा द्वारा मेन रोड पर मंच स्थापित कर बैला दौड़ का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी बैल जोड़ों को सम्मानित किया गया। सर्वश्रेष्ठ बैल जोड़ों को 6,100 रुपये, प्रथम स्थान प्राप्त बैल जोड़े को 5,100 रुपये, द्वितीय स्थान प्राप्त बैल जोड़े को 4,100 रुपये और अन्य सभी बैल जोड़ों को 3,100 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दी गई। इसके साथ ही सभी बैल मालिकों को प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया गया।

पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में खेती में योगदान देने वाले बैलों को सम्मान देने के लिए आज के दिन गांव-गांव से लेकर शहर भर में 23 अगस्त को पोरा पर्व श्रद्धा-उल्लास के साथ मनाया गया। छत्तीसगढ़ी परंपरा के अनुसार पोरा पर्व पर बैलों की पूजा-आरती कर ठेठरी, खुरमी, चीला आदि छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का भोग लगाया गया। छत्तीसगढ़ के पारंपरिक तिहार हमेशा की तरह रायपुर शहर के रामसागर पारा में पोरा तिहार (महोत्सव) बड़े ही धूमधाम से बड़े स्तर पर क्षेत्रवासियों की उपस्थिति में मनाया गया।

रामसागर पारा मेन रोड में दर्जनों बैलों की जोड़ियों ने दौड़ लगाकर उपस्थित लोगों का अपनी ओर ध्यान खींचा, जहां एक ओर बैल की जोड़ियां दौड़ लगा रही थीं, वहीं दूसरी ओर बैलों पर आकर्षक और मनमोहक झाकियां भी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रही थीं। रायपुर पश्चिम के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने खुद बैल जोड़ी के लगाम को पकड़ कर रोड में दौड़ लगाई और इस बैल दौड़ की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया।