सुशील खरे, रतलाम। मध्य प्रदेश के रतलाम में जावरा फाटक से सेजावता फंटे तक बन रहे फोरलेन बनाने का रास्ता साफ हो गया है। पहलवान बाबा की दरगाह का हिस्सा हटाने पर कोर्ट ने 13 दिन पहले जो स्टे दिया था, उसे मंगलवार को खारिज कर दिया। तहसीलदार का कहना है कि स्टे के कारण दरगाह के आसपास फोरलेन का काम रुक गया था। अब फिर से काम शुरू किया गया है। साथ ही अतिक्रमण भी हटाया जा रहा है। वहीं दरगाह कमेटी के पक्ष से जानकारी मिली कि जुड़े कि हम हाई कोर्ट में याचिका लगाएंगे। इसके साथ ही सामने रणजीत हनुमान मंदिर का भी अतिक्रमण हटाया गया
विवाद की बनी थी स्थिति
जावरा फाटक से सेजावता फंटे तक 4.12 किमी लंबे फोरलेन का काम चल रहा है। इसमें पहलवान बाबा की दरगाह का कुछ हिस्सा अतिक्रमण में आ रहा है। इसको लेकर विवाद की स्थिति बनी तो प्रशासन ने दरगाह से जुड़े लोगों के साथ बैठक कर मामले का हल निकाला था। फिर भी कुछ लोग कोर्ट पहुंच गए और बताया कि पहलवान बाबा की दरगाह को अवैध कार्रवाई कर नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है। 13 नवंबर को तृतीय व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खंड रतलाम अतुल श्रीवास्तव की कोर्ट में प्रशासन की ओर से पक्ष रखने के लिए कोई नहीं पहुंचा तो कोर्ट ने एकपक्षीय फैसला दे दिया। इसमें कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने (स्टे) का आदेश जारी किया था। 14 नवंबर को सरकारी अधिवक्ता समरथ पाटीदार ने एकपक्षीय स्टे निरस्त करने का आवेदन दिया था। मंगलवार को कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद 13 नवंबर को स्टे दे आदेश निरस्त कर दिया।
तहसीलदार के फैसले को कोर्ट ने माना सही
तहसीलदार ने बताया कि अगस्त में तहसील कोर्ट ने फैसला देते हुए दरगाह के कुछ हिस्से के अतिक्रमण को हटाने का कहा था। इसमें बताया था कि डोसीगांव की सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया है, इसे हटाया जाए। 5 दिन में नहीं हटाया तो प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। इस फैसले को दरगाह कमेटी से जुड़े पक्ष ने छिपाया और अतिक्रमण हटाने से रोकने पर स्टे के लिए कोर्ट पहुंच गए। कोर्ट में जब तहसीलदार के इस फैसले को पेश किया तो कोर्ट ने उसे सही माना। साथ ही कहा कि तहसील कोर्ट से मिले फैसले के खिलाफ दूसरे पक्ष को एसडीएम कोर्ट में अपील करनी थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
दरगाह कमेटी से जुड़े पक्ष से मिली जानकारी में बताया कि हमारे पक्ष को तहसील कोर्ट से नोटिस मिला था। लेकिन फैसले के बारे में जानकारी नहीं थी। कोर्ट ने यह कहते हुए स्टे खारिज किया है कि हमें तहसील कोर्ट के फैसले को लेकर एसडीएम कोर्ट में अपील करनी थी। अब इस मामले को लेकर हाई कोर्ट में याचिका लगाएंगे।
फिर से शुरू होगा काम
प्रशासन के अनुसार दरगाह बनाने के लिए पॉइंट एक (.1) आरा जमीन यानी 10 बाय 10 स्क्वायर फीट की जमीन अलॉट हुई थी। पीडब्ल्यूडी के अनुसार दरगाह के सामने फोरलेन बनाने के लिए 14 से 16 मीटर जगह मिल रही है। जबकि 21 मीटर की जगह चाहिए। बाकी जगह पर अतिक्रमण किया गया है। दरगाह के लिए डिवाइडर की डिजाइन बदलना भी तय 10 नवंबर को प्रशासन ने दरगाह से जुड़े लोगों के साथ बैठक की थी। इसमें तय किया था कि दरगाह फोरलेन पर बनने वाले डिवाइडर के बीच रह जाएगी। डिवाइडर की डिजाइन बदलना भी तय किया गया था। पूरे फोरलेन पर 6 फीट चौड़ा डिवाइडर बनाया जाएगा जो दरगाह के यहां 12 फीट चौड़ा हो जाएगा।
वहीं मौके पर एसडीएम अनिल भाना और लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री अनुराग सिंह और एसडीओ बीके राय का कहना है कि रोड बनाने का काम जल्द शुरू करेंगे। दरगाह का अतिक्रमण हटाने पर दिया गया स्टे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अब इस हिस्से में फोरलेन का रुका हुआ काम जल्द शुरू किया जाएगा।
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