दिल्ली में अवैध कब्जों और अतिक्रमण के खिलाफ विभाग ने लगातार बुलडोजर कार्रवाई(Bulldozer Action) की है. इस क्रम में, दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के बुराड़ी क्षेत्र में कादीपुर गांव की एक कॉलोनी में कई घरों पर ध्वस्तीकरण के नोटिस चस्पा किए हैं. उन्हें मकान खाली करने के लिए केवल 15 दिन का नोटिस दिया गया है.
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कॉलोनी के निवासियों ने जानकारी दी है कि DDA ने 3 जून को इस क्षेत्र को अवैध घोषित करते हुए 100 से अधिक घरों में नोटिस चिपकाए हैं, जिससे लोगों में अपने घरों को खोने का भय व्याप्त है. निवासियों का कहना है कि उन्होंने कई बार गांव के लाल डोरा की सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया, लेकिन उनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. उन्हें मकान खाली करने के लिए केवल 15 दिन का नोटिस दिया गया है, जिसे वे अनुचित मानते हैं और इस प्रकार की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं.
डीडीए के अधिकारियों का कहना है कि कादीपुर गांव की भूमि पर स्थित कॉलोनी विकास क्षेत्र में आती है. इस क्षेत्र में अवैध कब्जों और निर्माण के खिलाफ नोटिस जारी किए गए हैं. नियमानुसार, अवैध निर्माण के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.
कालकाजी में भूमिहीन कैंप की झुग्गियों पर चले बुलडोजर
दिल्ली के कालकाजी में अवैध भूमिहीन कैंप पर बुधवार को डीडीए ने कार्रवाई की, जिसके तहत लगभग तीन हजार झुग्गियों को तोड़ने के लिए बुलडोजर भेजे गए. यह कार्रवाई दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर की गई थी. सुबह-सुबह डीडीए के बुलडोजर कैंप में पहुंचे और झुग्गियों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया. इस दौरान कुछ लोगों ने विरोध जताया, जबकि कुछ कार्रवाई से संतुष्ट नजर आए. विरोध की संभावनाओं को देखते हुए भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी, जिसमें दिल्ली पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के जवान शामिल थे. पूरे कैंप क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया था. अनधिकृत रूप से बसे इस कैंप के निवासी अपनी झुग्गियों को टूटते देखकर आंसू बहाने लगे, और कुछ ने अपना सामान फुटपाथ पर रख दिया. स्थानीय लोगों का आरोप है कि कई दशकों से यहां रहने के बावजूद उन्हें वैकल्पिक आवास नहीं मिला है.
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