दिल्ली के दक्षिण-पश्चिम जिले के साइबर थाना पुलिस ने बॉलीवुड फिल्म ‘बंटी और बबली’ की तर्ज पर ठगी करने वाले दो शातिर जालसाजों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपियों की पहचान तरुण शेखर शर्मा और आशा सिंह उर्फ भावना के रूप में हुई है. दोनों खुद को टीवी सीरियल्स के डायरेक्टर और प्रोड्यूसर बताकर लोगों को स्टार प्लस और हॉट स्टार पर प्रसारित होने वाले धारावाहिकों में ब्रेक दिलाने का झांसा देते थे. भोले-भाले युवाओं को अपने जाल में फंसाकर उनसे मोटी रकम वसूली जाती थी. पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपियों ने यूट्यूब वीडियो देखकर ठगी करना सीखा था. आलीशान जीवन जीने की चाह में दोनों देशभर के महंगे होटलों में रुकते थे और ऐशोआराम की जिंदगी बसर करते थे. फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि अब तक कितने लोगों को इन दोनों ने अपने झांसे में लेकर चूना लगाया है.
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पुलिस ने बताया कि मामला तब सामने आया जब डाबरी के रघु नगर निवासी एक व्यक्ति ने एनसीआरपी पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई. शिकायत में कहा गया कि उनकी नाबालिग बेटी एकता कपूर की एकेडमी से एक्टिंग और मॉडलिंग का डिप्लोमा कर रही है. सीरियल्स में काम पाने की तलाश में वह इंटरनेट खंगाल रही थी. इसी दौरान उसे फेसबुक पर एक पेज मिला, जिसमें स्टार प्लस के एक मशहूर धारावाहिक के लिए नए कलाकारों की तलाश का दावा किया गया था. यहीं से आरोपी युवती और उसके परिवार से संपर्क में आए और खुद को फर्जी डायरेक्टर-प्रोड्यूसर बताकर विश्वास जीत लिया. बाद में ठगी की पूरी कहानी सामने आई. पुलिस के अनुसार दोनों आरोपियों ने ठगी करने की ट्रेनिंग यूट्यूब वीडियो से ली थी और आलीशान जिंदगी जीने के लिए देशभर के महंगे होटलों में ठहरते थे.
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ठगी का तरीका: ‘स्प्लिट्सविला’ का नाम लेकर रचा जाल
शिकायत के अनुसार, जब पीड़िता ने फेसबुक पेज पर दिए गए लिंक पर क्लिक किया तो वह सीधे एक वॉट्सऐप नंबर पर रीडायरेक्ट हो गई. उस नंबर से जुड़े शख्स ने खुद को पीयूष शर्मा बताया. उसने दावा किया कि वह एमटीवी स्प्लिट्सविला का पूर्व प्रतिभागी रह चुका है और अब डायरेक्टर के तौर पर काम करता है. पीयूष शर्मा ने नाबालिग युवती से उसका पोर्टफोलियो मांगा और आगे भरोसा जीतने के लिए उसे टीवी जगत के फेमस डायरेक्टर-प्रोड्यूसर राजन शाही का नंबर दिया. उसने युवती से कहा कि वह इस रेफरेंस से संपर्क करे, जिससे उसे स्टार प्लस के लोकप्रिय सीरियल में काम मिलने का मौका मिल सकता है.
राजन शाही के नाम पर बने फर्जी प्रोफाइल ने भी युवती से पोर्टफोलियो मांगा और उसे सिंटा (सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन) की कथित एचआर डायरेक्टर अनीता से संपर्क करने को कहा. इसके बाद रोल दिलाने का वादा किया गया और अलग-अलग बहानों से बड़ी रकम मांगी जाने लगी. धीरे-धीरे पीड़िता ने लगभग 24 लाख रुपये आरोपियों के बताए खातों में ट्रांसफर कर दिए. जैसे ही रकम पूरी तरह हाथ लग गई, आरोपियों ने युवती और उसके परिवार को ब्लॉक कर दिया.
यूट्यूब से सीखी ठगी, आलीशान जिंदगी जी रहे थे आरोपी
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपियों ने ठगी की ट्रेनिंग यूट्यूब वीडियो देखकर ली थी. आलीशान जिंदगी जीने के लिए वे देशभर के महंगे होटलों में ठहरते और ऐशोआराम करते थे. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर आगे की जांच शुरू कर दी है. मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष टीम गठित की गई. टीम ने टेक्निकल सर्विलांस, डिजिटल फुटप्रिंट और मनी ट्रेल का गहन विश्लेषण किया. जांच में पता चला कि आरोपी पीड़ितों से बातचीत के लिए सिर्फ वॉट्सऐप का इस्तेमाल करते थे और लखनऊ, गुजरात, मध्य प्रदेश, केरल और कर्नाटक के होटलों से ठगी को अंजाम दे रहे थे. वे लगातार अपना ठिकाना बदलते रहते थे ताकि पुलिस की पकड़ में न आ सकें. रणनीतिक निगरानी और डिजिटल ट्रैकिंग की मदद से आखिरकार पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया. अब उनसे पूछताछ कर यह पता लगाया जा रहा है कि कितने और लोग इनके शिकार बने हैं.
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तरुण लखनऊ का निवासी तो आशा दिल्ली की रहने वाली
मामले की गंभीरता देखते हुए पुलिस की एक विशेष टीम गठित की गई. टेक्निकल सर्विलांस, डिजिटल फुटप्रिंट और मनी ट्रेल की मदद से आरोपियों का लोकेशन ट्रेस किया गया. लगातार निगरानी के बाद टीम ने कर्नाटक, बेंगलुरु में छापेमारी कर दोनों को गिरफ्तार किया. उस समय आरोपी एक दो कमरों के सर्विस अपार्टमेंट में रह रहे थे. पुलिस ने उनके कब्जे से 7 स्मार्टफोन, 10 सिम कार्ड, 8 एटीएम कार्ड, 15 बैंक चेकबुक और पासबुक बरामद किए हैं. इनमें कई आपत्तिजनक सबूत भी मिले हैं.
आरोपियों का बैकग्राउंड
तरुण शेखर शर्मा (32 वर्ष): लखनऊ, उत्तर प्रदेश के निराला नगर का रहने वाला.
आशा सिंह उर्फ भावना (29 वर्ष): दिल्ली के नांगलोई, बक्करवाला की निवासी.
पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इनके जाल में और कितने लोग फंसे हैं और कुल कितनी रकम हड़पी गई है.
आलीशान लाइफस्टाइल और नेटवर्क
पुलिस ने बताया कि आरोपी देशभर के द ललित, क्राउन प्लाजा, वेलकम होटल जैसे महंगे होटलों में ठहरते थे. ठगी के लिए उन्होंने करीब 15 बैंक अकाउंट खोले और 10 से ज्यादा सिम कार्ड अलग-अलग राज्यों के पते से जारी करवाए थे.
पुराने मामलों में भी वॉन्टेड
पकड़े गए दोनों आरोपी पहले से ही चार अन्य मामलों में संलिप्त पाए गए हैं —
उत्तर प्रदेश: 2 केस
दिल्ली: 1 केस
जम्मू-कश्मीर: 1 केस (अब भी वॉन्टेड)
पुलिस अब इनसे पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इनके जाल में और कितने लोग फंसे हैं तथा कितनी रकम ठगी गई है.
FIR और अन्य शिकायतें
दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में दक्षिण-पश्चिम जिले के साइबर थाने में बीएनएस की धाराओं 318(4)/319(2)/61(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया है. अब तक की पड़ताल में देशभर से जुड़ी 20 एनसीआरपी शिकायतें पुलिस के हाथ लगी हैं. मामले की जांच जारी है और पुलिस आरोपियों के नेटवर्क का पूरा पता लगाने में जुटी है.
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