लखनऊ. उत्तर प्रदेश शासन राज्य में सरकारी संसाधनों को विकसित करने के लिए लगातार काम कर रही है. इस बीच सरकार पीपीपी मॉडल (Public Private Partnership) के तहत निर्माण कार्य कर रही है. अब सरकार मालगोदाम और बस अड्डों को विकसित कर रही है. जिससे लोगों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं दी जाएं.

माल ढुलाई को और बेहतर बनाने के लिए माल गोदामों को पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जाएगा. अमौसी, शाहगंज में पीपीपी मॉडल पर मालगोदाम बनाने की शुरुआत होगी. ये मालगोदाम उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल प्रशासन की ओर से विकसित किए जाएंगे. इससे व्यापारियों के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी, लोडिंग अनलोडिंग भी आसान होगी. इसके अलावा जर्जर सड़क की समस्याओं से भी राहत मिलेगी.

विकसित होंगे बस अड्डे

इसके अलावा अब रोडवेज के बस अड्डे भी आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे. पहले चरण में लखनऊ समेत 16 जिलों के 24 बस अड्डों को पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जाएगा. वहीं दूसरे चरण में 35 बस अड्डों का चयन कर टेंडर किया जाएगा. पीपीपी मॉडल पर बस अड्डा बनाने के लिए परिवहन विभाग सिर्फ जमीन उपलब्ध कराएगा. परिवहन निगम ने मेंटेनेंस के लिए 35 साल की अवधि तय की है.

शिक्षकों के लिए अहम फैसला

राज्य सरकार ने परिषदीय स्कूलों में शिक्षण कार्य की निगरानी का फैसला लिया है. जिला स्तर पर गठित समिति ‘शिक्षक साथी’ के तौर पर सदस्यों का चयन किया जाएगा. जिनका कार्यकाल 1 साल का होगा. परफॉर्मेंस के आधार पर इनका नवीनीकरण होगा. नियुक्ति की अधिकतम आयु 70 साल होगी. इसके साथ ही राज्य और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को चयन में वरीयता दी जाएगी. वहीं शिक्षक साथी को मोबिलिटी भत्ता के रूप में 2500 रुपए प्रतिमा दिया जाएगा. प्रमुख सचिव बेसिक और माध्यमिक शिक्षा अधिकारी दीपक कुमार ने निर्देश जारी कर दिया है. सभी डीएम को एक महीने में शिक्षक साथी के चयन के निर्देश दिया है.

इसे भी पढ़ें :