पंजाब रोडवेज और पनबस के बेड़े में उन बसों को बाहर नहीं किया जाएगा जिन्होंने 7 लाख किलोमीटर का सफर और सवा 5 साल पूरे कर लिए हों।
रोडवेज के फ्लीट में सिर्फ 60 बसों को ही नाकारा की श्रेणी में रखा गया है जो चलने योग्य नहीं हैं और उन्हें भी नया फ्लीट आने के बाद ही विदा किया जाएगा जबकि चलाने योग्य बस को फ्लीट से बाहर नहीं किया जा रहा।
विभाग के डायरैक्टर ने राज्य के सभी 18 बस डिपो को पत्र जारी करके उन बसों की रिपोर्ट मांगी है जो सवा 5 वर्ष की अवधि पार कर चुकी हैं और 7 लाख किलोमीटर का सफर तय कर चुकी हैं। ऐसी बसों की रिपोर्ट मांगी गई है जो किसी दुर्घटना के चलते चलाने योग्य नहीं हैं।
रोडवेज के कार्यकारी डायरैक्टर (टैक्नीकल) परमवीर सिंह ने बताया कि उक्त रिपोर्ट मांगने का मकसद रोडवेज की बसों का आंतरिक अनुमान लगाना था जबकि 5 वर्ष की अवधि पार कर चुकी और 7 लाख किलोमीटर का सफर तय कर चुकी बसों को फ्लीट से बाहर नहीं किया जा रहा।
ऐसी बसों की संख्या लगभग 800 है। उन्होंने कहा कि केवल उन बसों को बेड़े से बाहर किया जाता है जो 15 वर्ष की आयु पूरी कर चुकी हों और 9 लाख किलोमीटर चल चुकी हों। ऐसी बसों में करीब 60 बसें ही हैं। इससे पूर्व और 60 बसों के अतिरिक्त भी 355 बसों को कंडम किया गया है।
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