संदीप अखिल, रायपुर। NEWS 24 MP-CG में 24 नवंबर को प्रसारित होने वाले साक्षात्कार में VNR ग्रुप के डायरेक्टर अरविंद अग्रवाल ने सलाहकार सम्पादक संदीप अखिल से बातचीत में अपने जीवन, विचारों और कृषि-उद्यमिता की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को साझा किया। इस बातचीत में अरविंद ने न केवल अपने अनुभव बताए बल्कि यह भी बताया कि कैसे एक दृढ़ संकल्प और स्पष्ट दृष्टि व्यक्ति को समाज में परिवर्तन लाने का माध्यम बना सकती है।

रणनीति और प्रबंधन में माहिर

साक्षात्कार में अरविंद अग्रवाल ने बताया कि वीएनआर ग्रुप में वे रणनीतिक योजना, कॉरपोरेट फाइनेंस, अनुपालन, रिस्क मैनेजमेंट और गवर्नेंस सिस्टम जैसे महत्वपूर्ण कार्यों की जिम्मेदारी संभालते हैं। उन्होंने कहा कि—“यदि संगठन में पारदर्शिता और अनुशासन हो तो विकास की गति अपने आप तेज़ हो जाती है।” उनके नेतृत्व में वीएनआर ने अनेक प्रक्रियागत सुधार किए, जिससे कंपनी न केवल वित्तीय दृष्टि से सुदृढ़ बनी बल्कि नवाचार और विश्वसनीयता का प्रतीक भी बन गई।

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सक्रिय उपस्थिति

संदीप अखिल से बातचीत में उन्होंने बताया कि वीएनआर की यात्रा केवल देश तक सीमित नहीं रही। वे लंबे समय से APSA और ISC कॉन्फ्रेंस में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। उन्होंने दिल्ली, मुंबई और रायपुर में आयोजित कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में कृषि, निवेश और उद्यमिता पर अपने विचार रखे। वे विशेष रूप से Agri & Food Summit, World Food India Roadshow, GST Conference, और PHD Chamber of Commerce & Industry जैसे मंचों पर वक्ता रहे हैं। उनकी व्यावहारिक सोच ने न केवल किसानों बल्कि नीति-निर्माताओं को भी नई दिशा दी।

वैश्विक दृष्टिकोण से सशक्त सोच

साक्षात्कार में अरविंद ने साझा किया कि उन्होंने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी (अमेरिका), ताइवान और सिंगापुर में कृषि व व्यवसाय प्रबंधन से जुड़ी कार्यशालाओं में भाग लेकर अपनी दृष्टि को और व्यापक बनाया। उन्होंने कहा कि—“दुनिया के अनुभव से सीखकर जब हम भारतीय खेतों में उतरते हैं, तो असली बदलाव दिखता है।”उनका यह दृष्टिकोण आज वीएनआर ग्रुप को अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में मजबूती देता है।

किसानों के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन

अरविंद अग्रवाल का मानना है कि भारत की आत्मनिर्भरता का आधार किसान हैं। उन्होंने कहा कि— “किसानों की प्रगति ही भारत की आत्मनिर्भरता का आधार है।”
उन्होंने हजारों किसानों को आधुनिक खेती, वैज्ञानिक तकनीकों और एग्री-प्रेन्योरशिप की ओर प्रेरित किया। उनके प्रयासों के लिए उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ‘Entrepreneur of the Year Award’ से सम्मानित किया गया। वे मानते हैं कि कृषि केवल जीविका नहीं बल्कि राष्ट्रनिर्माण का मूल है।

शैक्षणिक उत्कृष्टता और मेधा का मेल

अरविंद अग्रवाल बचपन से ही मेधावी रहे हैं। उन्होंने कॉमर्स स्नातक में गोल्ड मेडल प्राप्त किया और डिप्लोमा इन इंफॉर्मेशन सिस्टम ऑडिट (ICAI) व QMS लीड ऑडिटर कोर्स (UK) भी पूरा किया। विद्यालय जीवन में उन्हें ट्विन कोणार्क चक्र पुरस्कार मिला, जिसने उनकी लगन और अनुशासन की नींव मजबूत की।

सामाजिक दायित्व और ‘यंग आर्म फाउंडेशन’

साक्षात्कार के दौरान उन्होंने बताया कि व्यावसायिक सफलता के साथ-साथ वे समाज के उत्थान के लिए भी समर्पित हैं। इसी सोच के तहत उन्होंने ‘Young Arm Foundation’ की स्थापना की, जिसका उद्देश्य शिक्षा, आत्मनिर्भरता और सामाजिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है।
उनके शब्दों में—“समाज के उत्थान में ही व्यवसाय की असली सार्थकता छिपी है।”

विभिन्न संस्थाओं में योगदान

अरविंद अग्रवाल कई प्रतिष्ठित संस्थाओं से जुड़े हुए हैं, जिनमें प्रमुख हैं –
• ICAI रायपुर शाखा – विभिन्न भूमिकाओं में सक्रिय योगदान

• Junior Chamber International – सेनटर सदस्य

• Income Tax Bar Association रायपुर – सदस्य

• छत्तीसगढ़ स्टेट आर्चरी एसोसिएशन – संस्थापक सदस्य

• CII स्टेट काउंसिल – 2017 से लगातार सदस्य
इन सभी मंचों पर उनकी भागीदारी उनके नेतृत्व और व्यापक दृष्टिकोण को दर्शाती है।


खेल और व्यक्तिगत जीवन

अरविंद अग्रवाल का जीवन संतुलित और ऊर्जावान है। वे विश्वविद्यालय स्तर के बैडमिंटन चैंपियन रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि—“खेल इंसान को अनुशासित और आत्मविश्वासी बनाता है।”व्यक्तिगत जीवन में वे रायपुर में अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनकी पत्नी मुख्ता मणि अग्रवाल और पुत्र स्वप्निल अग्रवाल उनके जीवन की प्रेरणा हैं।

एक प्रेरक व्यक्तित्व की पहचान

साक्षात्कार में अरविंद अग्रवाल ने कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। परिश्रम, अनुशासन और नवाचार ही असली मंत्र हैं। उन्होंने कहा—“यदि सोच नई हो और दृष्टि स्पष्ट हो, तो हर चुनौती अवसर में बदल सकती है।”
उनका जीवन इस बात का साक्षात उदाहरण है कि जब विचार समाज की भलाई से जुड़े हों, तो हर कार्य में सफलता निश्चित होती है।

अरविंद अग्रवाल का व्यक्तित्व केवल एक सफल कॉर्पोरेट लीडर का नहीं, बल्कि एक दूरदर्शी कृषक मार्गदर्शक और समाजसेवी का है। उन्होंने शिक्षा, तकनीक और सामाजिक दायित्व का ऐसा समन्वय स्थापित किया है, जो नई पीढ़ी के लिए आदर्श है।
उनकी प्रेरणादायी यात्रा यह सिखाती है कि यदि सोच सकारात्मक हो, दृष्टि विस्तृत हो और संकल्प अडिग हो, तो किसी भी क्षेत्र में असंभव को संभव बनाया जा सकता है।

अरविंद अग्रवाल के प्रेरक विचार

1. “कृषि-व्यवसाय से सामाजिक उत्थान तक – यही मेरी जीवन यात्रा का सार है।”

2. “यदि सोच नई हो और दृष्टि स्पष्ट हो, तो हर चुनौती अवसर में बदल सकती है।”

3. “किसानों की प्रगति ही भारत की आत्मनिर्भरता का आधार है।”

4. “अनुशासन, परिश्रम और नवाचार – यही सफलता की असली कुंजी है।”

5. “समाज के उत्थान में ही व्यवसाय की असली सार्थकता छिपी है।”


यह साक्षात्कार न केवल एक उद्यमी की कहानी है, बल्कि यह इस बात का प्रमाण भी है कि जब व्यवसाय में मानवीय संवेदना जुड़ती है, तो वही समाज के उत्थान का माध्यम बन जाती है।
अरविंद अग्रवाल आज छत्तीसगढ़ और देश के उन प्रेरक चेहरों में से एक हैं, जिनकी सोच और कर्म आने वाली पीढ़ियों के लिए दिशा-सूचक बन चुके हैं।