Business Leader : न्यूज़ 24 MPCG और लल्लूराम डॉट कॉम के सलाहकार संपादक संदीप अखिल के साथ साक्षात्कार में सुमीत ग्रुप के चेयरमैन अशोक कांकरिया ने अपने अनुभव और दृष्टिकोण साझा किए। उन्होंने कहा कि कठिन परिश्रम, दृढ़ संकल्प, सकारात्मक सोच और दूरदृष्टि ही सफलता की कुंजी हैं। उन्होंने अपने व्यवसायिक सफर के दौरान कई उदाहरण साझा किए, जिससे स्पष्ट हुआ कि धैर्य और मेहनत से असंभव भी संभव हो सकता है।

साधारण शुरुआत से असाधारण मुकाम तक

अपने साक्षात्कार में अशोक कांकरिया ने बताया, “हमारा व्यवसाय परिवार की छोटी शुरुआत से हुआ। रायपुर, दादाबादी में हमारे कांकरिया कटपीस सेंटर से हमने कदम रखा। धीरे-धीरे बैजनाथ पारा में होलसेल कपड़े की दुकान खुली और 7 फरवरी 1984 को ‘सुमीत सेल रिटेल शॉप’ की नींव रखी गई। यही वह पल था जिसने आगे चलकर सुमीत ग्रुप की मजबूती तय की।”

उन्होंने आगे कहा, “1990 में उरला के औद्योगिक क्षेत्र में नया वेंचर शुरू किया और पंडरी कपड़ा मार्केट में रिटेल शॉप ने कारोबार की गति बढ़ाई। धीरे-धीरे पूरे छत्तीसगढ़ में शाखाएँ खुलने लगीं और सुमीत नाम हर ग्राहक के दिल में जगह बनाने लगा।”

सुमीत बाजार – आम आदमी का भरोसा

अशोक कांकरिया ने अपने ग्राहकों की प्राथमिकताओं के बारे में कहा, “हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि आम आदमी की ज़रूरत और बजट दोनों का ध्यान रखा जाए। यही कारण है कि हमारे शोरूम में रेडीमेड कपड़े, घरेलू सामान और अन्य ज़रूरी उत्पाद किफायती दामों पर उपलब्ध हैं। हमारा ध्येय है – ‘क्वालिटी अनमोल, बजट पे कंट्रोल’।”
उन्होंने यह भी बताया कि सुमीत बाजार आज लगभग 40 शोरूम्स के साथ छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी रिटेल चेन बन चुका है।

सुमीत ज्वेलर्स – हम गढ़ते हैं विश्वास

साक्षात्कार में कांकरिया ने ज्वेलरी कारोबार की शुरुआत के बारे में कहा, “कपड़े के व्यवसाय की सफलता के बाद हमने 5 मई 2005 को सुमीत ज्वेलर्स की शुरुआत की। शुरू में लोगों ने संदेह जताया कि हम गहनों के व्यवसाय में सफल होंगे या नहीं, लेकिन हमने हार नहीं मानी। एक साल तक सोने के बाजार का अध्ययन किया और गुणवत्ता को आधार बनाकर व्यापार शुरू किया।”

उन्होंने गर्व के साथ साझा किया कि सुमीत ज्वेलर्स ने रिटेल ज्वेलरी इंडिया अवॉर्ड-2025 जीता, और केवल रायपुर में ही लगभग एक लाख ग्राहक इस ब्रांड से जुड़े हैं।

शुभम के-मार्ट – विस्तार की उड़ान

अशोक कांकरिया ने कहा, “शुभम के-मार्ट का मकसद है – ‘शॉपिंग करो खुल के, पैसे बचाओ जम के’। यह स्टोर हमारे ग्राहकों को बहुमंजिला, विविध उत्पाद और किफायती कीमत पर बेहतरीन विकल्प देता है। हम छत्तीसगढ़ के अलावा गुजरात, राजस्थान और उड़ीसा में भी अपनी पहचान बना रहे हैं और भविष्य में 100-150 स्टोर खोलने का लक्ष्य है।” उन्होंने यह भी बताया कि इस ब्रांड को सुमीत से अलग नाम इसलिए दिया गया ताकि यह स्वतंत्र पहचान बना सके।

अफोर्डेबल हाउसिंग और समाजहित

साक्षात्कार में कांकरिया ने रियल एस्टेट के प्रयासों के बारे में कहा, “हमारा मकसद है कि हर परिवार को बजट में आधुनिक सुविधाओं वाला घर मिले। सुमीत इंफ्राकॉन के सुमीत बिजनेस पार्क और सिटी ऑफ़ ड्रीम्स प्रोजेक्ट्स ने सैकड़ों परिवारों के सपनों को हकीकत में बदला है।”

उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में लगभग 10,000 परिवारों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है, जिनमें 4,000 से अधिक महिलाएँ शामिल हैं। उन्होंने कहा, “टीम अच्छी होगी तो काम भी अच्छा होगा। यही कारण है कि हमारी टीम की मेहनत और लगन ने सुमीत ग्रुप को ऊँचाइयों तक पहुँचाया है।”

नेतृत्व और दूरदृष्टि

अशोक कांकरिया ने व्यापार के दर्शन पर कहा,“हम व्यापार को केवल लाभ कमाने का जरिया नहीं मानते। इसे समाज और ग्राहकों की आवश्यकताओं को पूरा करने की जिम्मेदारी मानते हैं। बदलाव को अपनाना ही सफलता की कुंजी है। जुनून, ईमानदारी और गुणवत्ता हमारे लिए सबसे अहम हैं।”

रायपुर की पहचान, छत्तीसगढ़ का गर्व

उन्होंने अपने समूह की उपलब्धियों पर गर्व जताते हुए कहा, “सुमीत बाजार ने शॉपिंग को किफायती और आसान बनाया, सुमीत इंफ्राकॉन ने अफोर्डेबल हाउसिंग का सपना साकार किया, सुमीत ज्वेलर्स ने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई और शुभम के-मार्ट ने खुदरा व्यापार को नए आयाम दिए। हमारी सोच हमेशा ग्राहक और समाज हित को प्राथमिकता देती है।”

अशोक कांकरिया की कहानी यह साबित करती है कि सही दृष्टि, मेहनत और ईमानदार नीयत से हर सपना साकार किया जा सकता है। वे न केवल व्यवसाय की दुनिया के सितारे हैं, बल्कि छत्तीसगढ़ की प्रगति और गौरव के उज्ज्वल प्रतीक भी हैं।