न्यूज़ 24 MPCG और लल्लूराम डॉट कॉम के सलाहकार संपादक संदीप अखिल के साथ विशेष साक्षात्कार-
Business Leader : छत्तीसगढ़ की धरती ने अनेक ऐसे कर्मयोगी दिए हैं जिन्होंने अपनी मेहनत, दृष्टि और संकल्प से प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश के औद्योगिक परिदृश्य को नई दिशा दी। इन्हीं में से एक नाम है बजरंग लाल अग्रवाल, जो गोदावरी पावर एंड इस्पात लिमिटेड और हीरा ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज़ के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर हैं।
विशेष साक्षात्कार में, उन्होंने अपनी जीवन यात्रा, औद्योगिक दर्शन और समाजसेवा के मूल्यों पर खुलकर बात की। साक्षात्कार के दौरान उनके विचारों से यह स्पष्ट झलकता है कि वे केवल एक सफल उद्योगपति ही नहीं, बल्कि एक संवेदनशील समाजसेवी, दूरदर्शी नेता और प्रेरक व्यक्तित्व भी हैं।


प्रारंभिक जीवन और शिक्षा : आत्मनिर्भरता की नींव
बजरंग लाल अग्रवाल का जन्म 17 जून 1953 को हुआ। बचपन से ही वे जिज्ञासु, परिश्रमी और मेधावी छात्र रहे। तकनीकी विषयों में उनकी विशेष रुचि थी। शिक्षा के प्रति उनका समर्पण उन्हें रायपुर के शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज तक ले गया, जहाँ से उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। पढ़ाई के दौरान ही उनके मन में यह संकल्प दृढ़ हो गया था कि वे केवल नौकरी करने वाले नहीं, बल्कि अवसर निर्माण करने वाले बनेंगे। वे मानते हैं कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य आत्मनिर्भर बनना और समाज को कुछ लौटाना है।

संघर्ष से सफलता तक : उद्योग जगत की यात्रा
इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्ष 1984 में उन्होंने अपने व्यवसाय की नींव रखी। यह शुरुआत बहुत छोटी थी — सीमित पूंजी और कुछ साथियों के साथ शुरू हुए इस सफर का प्रारंभिक टर्नओवर केवल कुछ लाख रुपये था। लेकिन उनके दृढ़ निश्चय, कड़ी मेहनत और व्यावहारिक दृष्टि ने धीरे-धीरे इस छोटे प्रयास को विशाल उद्योग समूह में बदल दिया। वे हर चुनौती को अवसर के रूप में देखते रहे और यही दृष्टिकोण आगे चलकर हीरा ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज़ की स्थापना का कारण बना।

हीरा ग्रुप : 18,000 करोड़ रुपये का औद्योगिक साम्राज्य
आज हीरा ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज़ लगभग 18,000 करोड़ रुपये का समूह है। इस समूह ने छत्तीसगढ़ को न केवल औद्योगिक मानचित्र पर चमकाया, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को नई शक्ति दी। समूह के अंतर्गत व्यवसायों का दायरा अत्यंत व्यापक है — स्टील उत्पादन, पावर सेक्टर, आयरन ओर पेलेट्स, खनन (माइनिंग), नवीकरणीय ऊर्जा, रियल एस्टेट, और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी जैसे विविध क्षेत्रों में समूह ने अपनी उपस्थिति दर्ज की है। आज इस समूह से लगभग 8,000 लोग प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार पा रहे हैं, जो सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में एक बड़ा योगदान है।
उद्योग जगत में नेतृत्व की पहचान
बजरंग लाल अग्रवाल ने उद्योग जगत को केवल एक कारोबारी दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि नेतृत्व और नीति निर्माण के स्तर पर भी दिशा दी। वे सीआईआई (CII) छत्तीसगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष रह चुके हैं। वर्ष 2011-12 में उन्होंने स्पॉन्ज आयरन मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन, नई दिल्ली के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इसके अतिरिक्त वे पेलेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के भी अध्यक्ष रहे हैं। इन दायित्वों के माध्यम से उन्होंने उद्योग जगत की समस्याओं को सरकार तक पहुँचाने, नीति निर्माण में योगदान देने और छत्तीसगढ़ के औद्योगिक क्षेत्र को राष्ट्रीय पहचान दिलाने का कार्य किया।
समाजसेवा में अग्रसर : उद्योग से परे मानवीय सोच
साक्षात्कार के दौरान जब उनसे समाजसेवा के विषय में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि “किसी उद्योग का असली उद्देश्य केवल लाभ अर्जित करना नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना होना चाहिए।”
बजरंग लाल अग्रवाल के जीवन में यह विचार केवल शब्द नहीं, बल्कि व्यवहार है।
वे ‘हिरा सीएसआर फाउंडेशन’, ‘आकांक्षा लॉयन स्कूल फॉर मेंटली हैंडीकैप्ड’, ‘माँ गोदावरी आनंदवन (वृद्धाश्रम)’, ‘शिखा-दीप ट्रस्ट’ और ‘एफ-95 फिजियोथेरेपी सेंटर’ जैसे अनेक सामाजिक और शैक्षिक संस्थानों से जुड़े हैं।
इन संस्थाओं के माध्यम से उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, वृद्धजनों की देखभाल और दिव्यांगजनों की सहायता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
उनका मानना है कि “किसी समाज की वास्तविक प्रगति तभी संभव है जब उद्योग, शिक्षा और मानवता एक साथ आगे बढ़ें।”
नवाचार और आधुनिक सोच के समर्थक
बजरंग लाल अग्रवाल सदैव नवाचार और पारदर्शिता को अपनाने के पक्षधर रहे हैं। उन्होंने उद्योग जगत में नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy), इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, और माइनिंग में पारदर्शिता जैसे नए विचारों को बढ़ावा दिया। उनकी सोच है कि उद्योगों को भविष्य के लिए तैयार करने का सबसे अच्छा तरीका है — टेक्नोलॉजी, ईमानदारी और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का संतुलन बनाना। उनके नेतृत्व में हीरा ग्रुप ने सौर ऊर्जा और स्वच्छ उत्पादन प्रणालियों को अपनाकर ‘ग्रीन इंडस्ट्री’ की दिशा में ठोस कदम बढ़ाए हैं।
सम्मान और उपलब्धियां
उनकी दूरदर्शी सोच और सामाजिक सरोकारों के कारण उन्हें कई राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मंचों पर सम्मानित किया गया है।
वे छत्तीसगढ़ के उन चुनिंदा उद्योगपतियों में हैं जिन्होंने न केवल अपने लिए, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए औद्योगिक विकास की नई पहचान बनाई।
साक्षात्कार में उन्होंने कहा—
“छत्तीसगढ़ की मिट्टी में जो सादगी और परिश्रम है, वही मेरी ताकत है। इसी ने मुझे हर ऊँचाई तक पहुँचाया।”
प्रेरणा का स्रोत : कर्म, निष्ठा और दृष्टि
बजरंग लाल अग्रवाल का जीवन हमें यह सिखाता है कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। उन्होंने शून्य से शुरुआत की और मेहनत, ईमानदारी और समाज के प्रति संवेदनशीलता को अपना जीवन मंत्र बनाया। आज वे छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे देश के उद्योग जगत के लिए एक आदर्श हैं। उनका संदेश स्पष्ट है —“सच्चे इरादों और निरंतर परिश्रम से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।”
छत्तीसगढ़ का गौरव, उद्योग जगत की पहचान
साक्षात्कार के अंत में बजरंग लाल अग्रवाल ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा “हर युवा को अपने सपनों पर भरोसा रखना चाहिए। अगर आप सही दिशा में मेहनत करते हैं, तो एक दिन सफलता अवश्य मिलेगी।”
उनका जीवन इस विश्वास का जीता-जागता उदाहरण है कि सपने केवल देखे नहीं जाते, बल्कि दृढ़ संकल्प से पूरे भी किए जाते हैं।
बजरंग लाल अग्रवाल आज छत्तीसगढ़ के औद्योगिक गौरव, सामाजिक सरोकार और मानवीय संवेदनशीलता — तीनों का संतुलित प्रतीक हैं।
उनकी यात्रा यह प्रमाणित करती है कि एक व्यक्ति की दृष्टि, मेहनत और ईमानदारी से पूरा प्रदेश प्रगति के पथ पर अग्रसर हो सकता है।
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