संदीप अखिल, रायपुर। NEWS 24 MP-CG में 17 नवंबर को प्रसारित हुए विशेष साक्षात्कार में Rungta International Skills University (RIU) के चांसलर संतोष रुंगटा ने NEWS 24 MP-CG और lalluram.com के सलाहकार सम्पादक संदीप अखिल से बातचीत के दौरान शिक्षा, कौशल विकास और समाज के प्रति अपनी सोच को विस्तार से साझा किया। इस बातचीत में केवल एक विश्वविद्यालय की कहानी नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ से लेकर पूरे देश में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक बदलावों का भी उल्लेख था।
दूरदृष्टि से हुई यात्रा की शुरुआत
साक्षात्कार में संतोष रुंगटा ने बताया कि रुंगटा ग्रुप की शुरुआत केवल एक संस्था बनाने के लिए नहीं हुई थी, बल्कि समाज की प्रगति के लिए शिक्षा का दीप जलाने की भावना से हुई थी। उन्होंने कहा, “हमारे पूर्वज श्री राय साहेब ऋचपालजी रुंगटा और स्व. श्री घनश्याम दासजी रुंगटा की सोच यही थी कि शिक्षा हर वर्ग तक पहुँचे और युवाओं को अपने जीवन को सँवारने का अवसर मिले।” 20वीं सदी की शुरुआत में इसी विचार से भिलाई-दुर्ग क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की नींव रखी गई, जो आगे चलकर एक आंदोलन बन गया और जन्म हुआ संतोष रुंगटा ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन्स का।

संतोष रुंगटा का आधुनिक दृष्टिकोण
घनश्याम दासजी रुंगटा के सपनों को नई दिशा देने का कार्य संतोष रुंगटा ने किया। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल डिग्री देना नहीं, बल्कि ऐसा वातावरण बनाना है जहाँ विद्यार्थी आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और कौशल में निपुण बनें।” उनके नेतृत्व में यह समूह छत्तीसगढ़ का सबसे विश्वसनीय और नवोन्मेषी शैक्षणिक संस्थान बन गया है, जो “पढ़ाई के साथ रोजगार” के सिद्धांत पर आगे बढ़ रहा है।
26 वर्षों की शैक्षणिक उत्कृष्टता
साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि पिछले 26 वर्षों की यात्रा में संस्थान ने शिक्षा के हर क्षेत्र में उत्कृष्टता का मानक स्थापित किया है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य केवल ज्ञान देना नहीं, बल्कि हर विद्यार्थी को आत्मनिर्भर बनाना है। इसी सोच से हमने शिक्षा और कौशल को एक साथ जोड़ने वाला मॉडल अपनाया।” इसी दृष्टि को आगे बढ़ाते हुए रुंगटा ग्रुप ने Rungta International Skills University (RIU) की स्थापना की — जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के सिद्धांतों पर आधारित भारत की पहली पूर्णतः स्किल-ओरिएंटेड यूनिवर्सिटी है।
रुंगटा इंटरनेशनल स्किल्स यूनिवर्सिटी (RIU): एक नई सोच
संतोष रुंगटा ने कहा कि “21वीं सदी में शिक्षा का मतलब केवल डिग्री नहीं, बल्कि कौशल, तकनीक और सोच का संगम है।”
RIU का उद्देश्य विद्यार्थियों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाना है। यहाँ पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ
• इंडस्ट्री इंटिग्रेटेड कोर्स,
• रिसर्च एंड इनोवेशन लैब्स,
• स्टार्टअप इनक्यूबेशन सेंटर,
• और प्रोफेशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम्स
जैसे आधुनिक प्रयोग किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि आज इस यूनिवर्सिटी में 13 भारतीय राज्यों और 8 देशों से विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जो इसे एक “मिनी ग्लोबल कैंपस” बनाते हैं।
अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और लाइव कैंपस
साक्षात्कार में उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि रुंगटा ग्रुप ने शिक्षा को तकनीक से जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। “हमारे हर क्लासरूम को स्मार्ट क्लास में बदला गया है, जहाँ विद्यार्थी डिजिटल टूल्स और लाइव इंडस्ट्री प्रोजेक्ट्स से सीखते हैं,” उन्होंने बताया। रुंगटा ग्रुप का कैंपस अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं, रिसर्च हब्स और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से सुसज्जित है, जो विद्यार्थियों को व्यवहारिक शिक्षा देता है।
उद्योग केंद्रित शिक्षा की शुरुआत
संतोष रुंगटा ने कहा कि आज की शिक्षा तभी सार्थक है जब वह उद्योग जगत की आवश्यकताओं से जुड़ी हो। उनके अनुसार, “हमारा पाठ्यक्रम इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर तैयार किया जाता है, ताकि हमारे विद्यार्थी स्नातक होते ही रोजगार के लिए तैयार हों।” यही कारण है कि रुंगटा ग्रुप से पासआउट होने वाले विद्यार्थियों को देश-विदेश की शीर्ष कंपनियों में अवसर मिलते हैं।
समाज और शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता
साक्षात्कार के दौरान संतोष रुंगटा ने सामाजिक जिम्मेदारी पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “शिक्षा हमारे लिए सेवा का माध्यम है। हम चाहते हैं कि कोई भी छात्र केवल आर्थिक कारणों से शिक्षा से वंचित न रहे।” रुंगटा ग्रुप द्वारा “स्कॉलरशिप योजनाएं,” “ग्रामीण शिक्षा अभियान” और “डिजिटल लर्निंग आउटरीच प्रोग्राम्स” जैसी कई पहलें चलाई जा रही हैं।
भविष्य की दिशा
भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अब लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ को “स्किल हब ऑफ इंडिया” बनाया जाए। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि यहां का हर युवा न केवल रोजगार पाए, बल्कि रोजगार देने वाला बने। शिक्षा का असली उद्देश्य यही है — समाज को आत्मनिर्भर बनाना।”
भिलाई स्थित संतोष रुंगटा ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन्स और रुंगटा इंटरनेशनल स्किल्स यूनिवर्सिटी (RIU) आज केवल एक शिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि “ज्ञान और अवसर का दीपस्तंभ” हैं। राय साहेब ऋचपालजी रुंगटा की प्रेरणा, स्व. घनश्याम दासजी रुंगटा की समाजसेवा भावना और श्री संतोष रुंगटा के आधुनिक नेतृत्व ने मिलकर इस संस्थान को ऐसी ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया है, जहाँ शिक्षा और कौशल का संगम समाज के हर कोने को रोशन कर रहा है।
संतोष रुंगटा के शब्दों में — “ज्ञान ही भविष्य की सबसे बड़ी पूंजी है, और जब यह कौशल से जुड़ जाता है, तब व्यक्ति नहीं, पूरा राष्ट्र प्रगति करता है।”
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