Business Tips: ढैंचा की फसल आपके खेतों के लिए किसी चमत्कारी औषधि से कम नहीं है. आपको बता दें कि देश के कई राज्य तो ऐसे भी हैं जहां ढैंचा की खेती के लिए सरकारें सब्सिडी भी देती हैं. क्योंकि यह नेचुरल खाद का काम करती है, जिससे किसान रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल कम करते हैं.

ये तो सभी जानते हैं कि रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से खेतों को तो नुकसान हो ही रहा है. इनके इस्तेमाल से प्राप्त पैदावार जैसे अनाज, दालें, फल और सब्जियां आदि के सेवन से हमारे अंदर कई तरह की बीमारियां जन्म ले रही हैं.

ढैंचा बीज करीब 40 रुपये किलो बिक रहा है

एक एकड़ जमीन की बुवाई के लिए आपको लगभग 10-15 किलो बीज की आवश्यकता होगी. एक एकड़ से 25 टन तक उत्पादन हो सकता है. बाजार में ढैंचा बीज करीब 40 रुपये किलो बिक रहा है. इस तरह किसान ढैंचा की कमाई को करीब 10 लाख रुपये में बेच सकते हैं.

खेतों के लिए नेचुरल खाद

ढैंचा से हरी खाद बनाने के बहुत फायदे हैं. इस हरी खाद से मिट्टी को जरूरी नाइट्रोजन मिलती है. सबसे पहले तो इसे उसी खेत में बोया जाता है, जिसमें हरी खाद की जरूरत है. इसके पौधे डेढ़ से दो फुट के हो जाते हैं तो खेत की मिट्टी को जुताई की मशीनों से पलट दिया जाता है. इससे ढैंचा के सभी पौधे मिट्टी में दब जाते हैं और हरी खाद बन जाते हैं.

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