रायपुर। खाद्य विभाग की कार्रवाई को लेकर अब व्यापारी भी लामबंद होने लगे हैं. व्यापारियों को गुस्सा इस बात को लेकर है कि पैकेज्ड फूड को लेकर कार्रवाई की जाती है, तो गाज उन पर ही गिरती है, पैकेज्ड फूड बनाने वाली कंपनी को छोड़ दिया जाता है.
छत्तीसगढ़ चैंबर की ओर से गुरुवार को चैंबर भवन में आयोजित कार्यशाला में व्यापारियों ने खाद्य विभाग के अफसरों के सामने पैकेज्ड फूड के प्रकरण में केवल उन पर कार्रवाई का विरोध किया. कार्यशाला में खाद्य विभाग के अधिकारियों ने व्यापारियों से कहा कि वे प्रतिबंधित और खराब खाद्य पदार्थों की बिक्री न करें. ऐसे मामलों में अब और सख्ती से कार्रवाई की जा रही है. साथ ही हिदायत दी कि पैकेज्ड फूड की खरीदी-बिक्री बिल के जरिए हो. जहां इस तरह की सामग्री की बिक्री की जा रही है, वहां आसपास सफाई का खास ख्याल रखना चाहिए.
अधिकारियों ने बताया कि 12 लाख वार्षिक टर्नओवर के अंदर व्यापार करने वाले व्यापारियों को निर्धारित 100 रुपए के शुल्क के साथ आवेदन करना है. यह आवेदन खाद्य एवं औषधि प्रशासन कार्यालय में दस्तावेजों के साथ सीधे तौर पर भी जमा किया जा सकता है. 12 लाख से अधिक के टर्नओवर के साथ कारोबार करने वाले व्यापारी निर्धारित शुल्क 2000. रुपए के चालान के साथ अपना आवेदन ऑनलाइन जमा करना होगा.व्यापारियों के आवेदन पर 60 दिनों के भीतर विभाग की ओर से पंजीयन एवं लाइसेंस जारी कर दिया जाता है.